उत्तराखंड

यात्रियों ने लगाया बीआरओ पर लापरवाही का आरोप, 7 घंटे बाद पहुंची जेसीबी मशीन

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चमोली। कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग को खोलने बीआरओ की जेसीबी मशीन ने पहुचने में पूरे सात घंटे से अधिक का समय लगा दिया। इस दौरान इस मार्ग पर फंसे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यात्रियों ने बीआरओ पर देरी के लिए लापरवाही का आरोप लगाया है। गत शनिवार को हुई भारी बरसात से राष्ट्रीय राजमार्ग 109 कर्णप्रयाग-ग्वालदम तीन अलग अलग स्थानों पर मलवा आ जाने से बंद हो गया था। रविवार की सुबह से ही इस मार्ग पर बड़ी संख्या में यात्री एवं यात्री वाहन मार्ग के खुलने का इंतजार करते रहे,लेकिन मार्ग खोलने पहुची जेसीबी मशीन को पहुचने में पूरे सात घंटे से अधिक का समय लग गया। हरमनी में फसे यात्री खिलाप सिंह, लक्ष्मी प्रसाद, हरिदत्त,कमलेश, रामसिंह,बलपा देवी,एवं सुनीता ने बताया कि सवेदनशील स्थानों पर जेसीबी रखने के निर्देश के बाबजूद भी बीआरओ ने यहां मशीन नही रखी है। 35 किमी दूर ग्वालदम से मशीन मंगवाई गई,जिसे पहुँचने में सात घंटे से अधिक का समय लग गया। आपदा के दौरान यह चूक बीआरओ प्रसाशान की लापरवाही है। थराली के पूर्व प्रमुख सुशील रावत,पूर्व जिला पंचायत सदस्य महेश त्रिकोटी, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी भूपाल सिंह गुसाईं,प्रधान संघ थराली के अध्यक्ष डॉ जगमोहन सिंह रावत आदि ने भी कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग के सवेदनशील स्थानो पर निर्देश के बाबजूद भी जेसीबी या अन्य मशीनों का न रखा जाना गंभीर लापरवाही है,इसका खमियाजा स्थानीय लोगो एवं यात्रियों को भुगतना होता है। उन्होंने इस प्रकार की अनियमितता पर प्रशासन से जिम्मेदार विभाग के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है। सड़क खुलवाने में हुई देरी पर उपजिलाधिकारी थराली रविन्द्र जुवठा ने कहा कि इस लेटलतीफी पर बीआरओ के अधिकारियों से कारण जानने की कोशिश की जाएगी। ऐसी लापरवाही की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए बीआरओ को पुनः निर्देशित किया जा रहा है।

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