टिहरी में घरों में घुसा बारिश का पानी और मलबा

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नई टिहरी। मंगलवार तड़के हुई तेज बारिश से ड्रेनेज फेल हो जाने के कारण नई टिहरी की मौलधार वाल्मिकी बस्ती में 29 सफाई कर्मियों के घरों में पानी और मलबा घुस गया। प्रभावितों का घरों में रखा काफी सामान खराब हो गया। पांच परिवारों को अन्य की अपेक्षा ज्यादा नुकसान पहुंचा है। एसडीएम संदीप कुमार ने सुबह के वक्त मौका मुआयना किया। सर्वाधिक रूप से प्रभावित पांच परिवारों को राहत केंद्र में शिफ्ट किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार तड़के यकायक तेज बारिश हुई, जो लगभग दो घंटे तक चली। बारिश का तेज पानी ड्रेनेज फेल हो जाने के कारण सीधे मोलधार वाल्मिकी बस्ती में रह रहे 29 सफाई कर्मियों के घरों में घुसा। जिससे तड़के सुबह से सफाई कर्मी खासे परेशान रहे। सफाई कर्मियों का कहना है कुछ घरों के अंदर लगभग 6 फीट तक पानी भर गया। जिससे घरों में रखा काफी सामान खराब हुआ है। घरों रखी राशन को भी नुकसान पहुंचा है। सुबह होने पर सफाई कर्मियों ने अपना सामान घरों से बाहर निकाला है। नुकसान होने से सफाईकर्मी खासे परेशान नजर आये। जिसे देखते हुए सर्वाधिक प्रभावित बबलू, शिवचरण, राजू, सुनील व रिंकू के परिवारों को स्थानीय प्रशासन राहत केंद्र में शिफ्ट करने का काम कर रहा है। इसके साथ ही स्थानीय प्रशासन ने सभी प्रभावित 29 परिवारों को अहेतुक राशि का वितरण करते हुए राशन कीट भी प्रदान की है। तहसीलदार मौहम्मद शादाब ने बताया कि सभी प्रभावित परिवारों की देखरेख की जा रही है। प्रभावितों को सुबह का नाश्ता करवाने के बाद उनके लिए निकटस्थ बारातघर में खाने की व्यवस्था भी की गई है। केंद्रीय विद्यालय का पुश्ता ढहा, रामलीला भी प्रभावित तड़के हुई तेज बारिश से नव निर्माणाधीन केंद्रीय विद्यालय भवन का एक पुश्ता ढहने से नुकसान हुआ है। इसके साथ ही गोशाला वाली सड़क पर मलबा आने से सड़क बदहाल हो गई है। जिस पर आवाजाही करने मे आम लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बौराड़ी स्टेडियम बारिश के पानी से लबालब भर गया। जिसके कारण यहां पर आयोजित हो रही रामलीला भी प्रभावित हो रही है। रामलीला आयोजन समिति के अध्यक्ष देवेंन्द्र नौडियाल , वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगवान चन्द रमोला, मनोज राय, जशोदा नेगी उपाध्यक्ष, अमित पंत, गंगा भगत नेगी, नन्दू वाल्मिकी, वेशभूषण जोशी , कमल महर आदि का कहना है कि बौराड़ी स्टेडिमय में करोड़ों खर्च करने के बाद भी ड्रेनेज सिस्टम नहीं बनाया गया है। जिससे बौराड़ी स्टेडियम एक ही बारिश में तालाब में तब्दील हो गया है। प्रशासन इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है।

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