आरएसएस चीफ के चीन वाले बयान पर बोले राहुल गांधी- मोहन भागवत जानते हैं सच, सामना करने से डरते हैं
नई दिल्ली , एजेंसी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दशहरे के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा चीन पर दिए गए बयान को लेकर प्रतिक्रिया दी है। राहुल गांधी ने कहा है कि मोहन भागवत सच जानते हैं, लेकिन सामना करने से डरते हैं। आरएसएस प्रमुख भागवत ने वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पूरी दुनिया के सामने पता है कैसे चीन सीमाओं का अतिक्रमण कर रहा है। उस देश (चीन) की विस्तारवादी प्रति से पूरी दुनिया अवगत है। इस बार वह ताइवान, वियतनाम, अमेरिका, जापान और भारत के साथ लड़ रहा है। लेकिन भारत की प्रतिक्रिया ने चीन को परेशान कर दिया है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान को न्यूज एजेंसी एएनआई ने ट्वीट किया। इस ट्वीट का स्क्रीनशट ट्विटर पर पोस्ट करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लिखा, श्श्अंदर से मोहन भागवत सच जानते हैं। वह सिर्फ उसका सामना करने से डरते हैं। सच्चाई यह है कि चीन ने हमारी जमीन ले ली है और भारत सरकार एवं आरएसएस ने इसकी अनुमति भी दे दी है।श्श्
उल्लेखनीय है कि पूर्वी लद्दाख में अप्रैल महीने से भारत-चीन के बीच सीमा विवाद जारी है। दोनों देशों की सेनाएं वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात हैं। जून महीने में दोनों सेनाएं गलवान घाटी में आमने-सामने की स्थिति में आ गई थीं, जिसके बाद भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, अगस्त महीने में भी चीन ने घुसपैठ की कोशिश की थी, जोकि नाकाम रही थी।
राहुल गांधी पूर्वी लद्दाख मामले पर पहले भी कई बार केंद्र सरकार पर हमला बोल चुके हैं। हाल ही में बिहार चुनाव के लिए आयोजित रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि देश की नीतियां कमजोर हैं और इसी का फायदा उठाते हुए चीन ने देश की 1200 किमी जमीन पर कब्जा कर लिया। उन्होंने प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि चीन ने हमारे देश के 20 जवानों को शहीद कर दिया व मोदी ने शहादत लेकर झूठ बोला। जमीन पर कब्जा करने की बात छुपाए रखी।
दशहरा रैली में और क्या-क्या बोले आरएसएस चीफ?
आरएसएस की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि भारत को चीन के खिलाफ बेहतर सैन्य तैयारियां करने की जरूरत है । उन्होंने कहा कि अब कई देश चीन के सामने खड़े हैं। उन्होंने कहा कि चीनी घुसपैठ पर भारत की प्रतिक्रिया से चीन सकते में है। चीन की अपेक्षा भारत को अपनी शक्ति एवं दायरा बढ़ाने की आवश्यकता है। संघ प्रमुख ने कहा, श्श्चीन ने महामारी के बीच में हमारी सीमाओं का अतिक्रमण किया ।श्श् उन्होंने कहा कि उस देश (चीन) की विस्तारवादी प्रति से पूरी दुनिया अवगत है।