चारों धाम के साथ उत्घ्तराखंड की वादियों पर हिमपात, तस्घ्वीरों में देखें बर्फ से लकदक नजारे
देहरादून। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में शनिवार को भी हिमपात का दौर जारी रहा। चारों धाम के साथ ही कुमाऊं के पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा जिलों में भी ऊंचाई वाले इलाके बर्फ से लकदक हैं। सुबह मसूरी के आसपास की वादियों ने बर्फ की चादर ओढ़ ली तो नैनीताल में भी हिमकण बरसे। बर्फबारी से प्रदेश में 100 से अधिक गांव प्रभावित हैं। उत्तरकाशी में भारी बर्फबारी से गंगोत्री धाम से 30 किमी दूर सुक्की टाप पर हाईवे बंद हो गया है।
देहरादून और हरिद्वार समेत मैदानी इलाकों में भी रुक-रुक कर बारिश हो रही है। इससे समूचा उत्तराखंड कड़ाके की ठंड की चपेट में है। मौसम विभाग के अनुसार रविवार को भी प्रदेश में मौसम में किसी तरह के बदलाव के आसार नहीं हैं। विशेषकर कुमाऊं मंडल में बारिश और बर्फबारी हो सकती है।
प्रदेश में शुक्रवार रात से ही मौसम करवट बदलने लगा था। आधी रात के बाद से बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में हिमपात हो रहा है। रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ धाम में सात फीट मोटी बर्फ की चादर बिछ चुकी है। इसके अलावा आसपास तुंगनाथ, पंवालीकांठा, चोपता, कार्तिक स्वामी समेत ऊंची वादियों पर दिनभर रुक-रुक कर हिमपात होता रहा। इसके अलावा मसूरी के पास नागटिब्बा और सुरकंडा की वादियों भी बर्फ से लकदक हैं। उत्तरकाशी जिले में दो दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है।
कुमाऊं में भी स्थिति गढ़वाल मंडल जैसी रही। पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में सीजन का 12वां हिमपात हुआ है। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग और धारचूला की चौदास घाटी बर्फ से लकदक है। थल-मुनस्यारी मार्ग में कालामुनि से पातलथौड़ तक हिमपात हुआ। इससे मार्ग के बंद होने की आशंका है।
प्रदेश में एक जनवरी से अब तक सामान्य से 59 प्रतिशत अधिक बारिश रिकार्ड की गई। इस अवधि में सामान्य तौर पर 96़4 मिमी बारिश होती है, जबकि वर्तमान में यह आंकड़ा 153़4 मिमी पहुंच चुका है। इस दौरान सामान्य से सबसे ज्यादा बारिश ऊधमसिंह नगर में दर्ज की गई, जोकि 225 प्रतिशत अधिक रही। इसके बाद यह आंकड़ा हरिद्वार जिले में 200 और देहरादून जिले में 130 प्रतिशत रहा।