कोटद्वार-पौड़ी

तो कोटद्वार में अतिक्रमण बन चुका है स्थायी समस्या

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-जिम्मेदार खानापूर्ति को चला रहे हैं अभियान
-आम नागरिकों को आए दिन जूझना पड़ रहा इस समस्या से
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : कोटद्वार में अतिक्रमण जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण स्थायी समस्या बन गया है। जिससे आम नागरिकों को रोजाना दो-चार होना पड़ रहा है। आमजन की लाख बार शिकायत के बाद नगर निगम, पुलिस व प्रशासन खानापूर्ति के लिए अभियान तो चलाते हैं, लेकिन उसके बाद स्थिति जस की तस हो जाती है। इस अतिक्रमण की मार इन विभागीय अधिकारियों पर भी पड़ती है, लेकिन न जाने ऐसी कौन सी मजबूरी है जो जिम्मेदारों के हाथ बांधे हुए है।
कोटद्वार को अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर पहले भी कई बार अभियान चल चुके हैं, लेकिन आज तक इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला जा सका है। छोटा सा शहर होन के चलते नगर निगम, पुलिस व प्रशासन के नाक के नीचे अतिक्रमण पनपता रहता है और इन महकमों के जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे रहते हैं। आलम यह है कि गोखले मार्ग से लेकर रेलवे स्टेशन, गंगादत्त जोशी मार्ग आदि स्थानों से धड़ल्ले से अतिक्रमण किया जा रहा है, लेकिन कोई भी रोकने वाला नहीं है। अधिकारियों की लापरवाही के चलते अतिक्रमणकारियों हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि अब यह भवन निर्माण के द्वारा स्थायी अतिक्रमण करने लगे हैं। जिससे शहर मार्ग और गलियां और संकरें होते जा रहे हैं।
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अक्सर बनी रहती है जाम की समस्या
यह कोटद्वार के अतिक्रमण का ही फल है कि यहां आए दिन आमजन को जाम की समस्या से जूझना पड़ता है। अगर कोटद्वार नगर में कभी कोई आयोजन हो जाए तो शहर के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने में घंटों लग जाते हैं। फिर चाहे पुलिस प्रशासन कितना ही ट्रैफिक प्लान लागू कर ले, अतिक्रमण के आगे सब घुटने टेक लेते हैं।

मुख्यमंत्री को पत्र भेज कोटद्वार को अतिक्रमण से मुक्त कराने की मांग
वरिष्ठ नागरिक मंच के प्रचार सचिव आरसी कोठारी ने कोटद्वार में लगातार बढ़ रहे अतिक्रमण पर रोक लगाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। पत्र में उन्होंने नगरवासियों की पीढ़ा बताते हुए कहा कि कोटद्वार में हर जगह अतिक्रमण पसर गया है। गोखले मार्ग में तो आमजन चलना तक मुश्किल हो गया है। यहां सड़क पर आए दिन अतिक्रमण पसरा रहता है, जिसके चलते वाहन चालकों व पैदल चलने वालों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति के लिए शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाता है। क्योंकि इस अतिक्रमण से दो से तीन लाख रुपये की काली कमाई हो रही है। कहा कि सरकार भ्रष्टाचार मुक्ति दावा कर रही है, लेकिन कोटद्वार में भ्रष्टाचार चरम पर है। यही वजह है कि कोटद्वार अतिक्रमण मुक्त नहीं हो पा रहा है।

भवनों के निर्माण में खुलेआम उड़ रही नियमों की धज्जियां
गंगा दत्त जोशी मार्ग में कई महीनों से चल रहे भवनों के निर्माण में खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जिससे व्यापारियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार को व्यापारी इसी समस्या को लेकर प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश मंत्री प्रेम कुमार से मिले। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण व निर्माण में नियमों के उल्लंघन के चलते व्यापार प्रभावित हो रहा है और राहगीरों को आवाजाही में परेशानी झेलनी पड़ रही है। व्यापारियों की इस समस्या को प्रेम कुमार ने एसडीएम कोटद्वार, एसएचओ कोटद्वार, सहायक नगर आयुक्त कोटद्वार और बाजार चौकी के समक्ष रखा। उन्होंने जल्द से जल्द उक्त समस्या के निस्तारण की मांग उठाई। इस मौके पर सुमित गुप्ता, नीरज बुड़ाकोटि, उर्मिला कश्यप, वरुण देव, मो. आबिद, पप्पू, दीपक आर्य, फरीद, परवेज, प्रियंका, आशीष, महेंद्र, रवि सैनी आदि मौजूद रहे।

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