उत्तराखंड

बिना नक्शा पास कराए बन रहे भवनों पर तलवार लटकी

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नैनीताल। प्रदेश में विकास प्राधिकरण से बिना नक्शा पास कराए बन रहे भवनों पर हाईकोर्ट फैसला लेगा। एक जनहित यचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने बेतरतीब निर्माण पर सरकार से तीन सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने इस दौरान होने वाले सभी निर्माण कार्यों को अपने निर्णय के अधीन रख लिया है। कोर्ट ने कहा कि निर्माण की जिम्मेदारी स्वयं निर्माणकर्ता की होगी। मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी। हाईकोर्ट ने जिला विकास प्राधिकरणों से बिना नक्शा पास कराए हो रहे निर्माण से जुड़ी जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने 2017 में हर जिले में जिला विकास प्राधिकरण का गठन किया। तय किया गया कि जिले में जितने भी निर्माण कार्य होंगे वह प्राधिकरण के नियमों के तहत होंगे। पर सरकार ने 17 मार्च 2021 को एक शासनादेश जारी कर कहा कि 2016 से पूर्व के क्षेत्रों में मानचित्र की स्वीति यथावत रहेगी। बाद में जोड़े गए नए क्षेत्रों के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा। जिसकी वजह से हल्द्वानी के गौलापार में बेतरतीब आवासीय व व्यावसायिक कलोनियां काटी जा रही हैं। जहां बिना नक्शा पास कराए निर्माण हो रहे हैं। जब इसकी शिकायत डीडीए से की गई तो उनकी ओर से कहा गया कि नए क्षेत्रों के लिए भी वही नियम लागू हैं, जो 2016 से पूर्व के क्षेत्रों पर लागू हैं। वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि नियमानुसार केवल निर्माण कार्य करने को मानचित्र की टूट मिल सकती है। पर नए क्षेत्र डीडीए के नियमों का पालन करने को भी बाध्य हैं।

 

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