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अल्मोड़ा में बहुचर्चित गिरीश हत्याकांड में अभियुक्त की जमानत अर्जी खारिज, बीते अप्रैल में हुई थी वारदात

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अल्मोड़ा । विशेष सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान ने कपिलेश्वर में बहुचर्चित गिरीश हत्याकांड में शामिल अभियुक्त की जमानत अर्जी खारिज कर दी। शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) पूरन सिंह कैड़ा ने सुनवाई के दौरान वारदात को जघन्य करार दिया।
मामला इसी साल बीते अप्रैल का है। कलसीमा पोस्ट चौमू (लमगड़ा ब्लक) निवासी महेश लाल ने 25 अप्रैल को थाने में तहरीर दी थी। अभियोजन के अनुसार महेश का छोटा भाई गिरीश लाल आठ अप्रैल को गिरीशलाल पुत्र बसंत राम, हीरा लाल, दया किशन खोलिया व नारायण उर्फ नरसिंह के साथ नैनीताल कोर्ट में एक केस की तारीख में पेशी को गया था। वह इन्हीं लोगों के साथ वापस लौटा। पर घर नहीं पहुंचा। एसआइ संतोष देवरानी जांच 26 अप्रैल को सिमल्टी गांव जांच को पहुंचे। तब मौना ल्वेशाल रोड पर जंगल में शव का मामला खुला। वह गिरीश ही था। पुलिस ने लमगड़ा थाने में चारों से पूछताछ की। खुलासा हुआ कि वर्ष 2019 में एक शादी समारोह में बसंत लाल के पुत्र गिरीश ने महेश के भाई गिरीशलाल से मारपीट की थी। भवाली थाने मे मुकदमा लिखा गया। मामला नैनीताल कोर्ट में चल रहा था।
राजीनामा इस शर्त पर होना था कि दोनों 10-10 हजार रुपये हर्जेखर्चे के रूप में देंगे। आठ अप्रैल को हीरालाल, गिरीश, गिरीश लाल, दयाकिशन खोलिया व नारायण सिंह उर्फ नर सिंह कपिलेश्वर से टैक्सी बुक कर नैनीताल कोर्ट गए। रुपये नहीं दिए तो राजीनामा नहीं हुआ। वापसी में कपिलेश्वर में शराब पीकर आपस में झगड़ा हो गया। आरोपितों ने गिरीश लाल की हत्या कर शिनाख्त मिटाने को कपड़े उतार जला दिए। शव नदी किनारे रेत में दबा दिया। 11 अप्रैल को रेत से शव निकाल जंगल में छिपा दिया। धरपकड़ के डर से 24 अप्रैल की रात सड़े गले शव को हटाकर मौना ल्वेशाल के जंगल में फैंक दिया। बाद में चारों गिरफ्तार कर लिए गए।
इधर अभियुक्त नारायण सिंह की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) पूरन सिंह कैड़ा ने न्यायालय में दलील दी कि अभियुक्त ने जानबूझ कर हत्या कर जघन्य अपराध किया। उसे जमानत पर रिहा करने पर वह अभियोजन के साक्षियों को प्रभावित कर सकता है। फरार होने की आशंका भी जताई। विशेष सत्र न्यायाधीश ने नारायण उर्फ नर सिंह की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
स्मैक तस्कर की जमानत अर्जी भी विशेष सत्र न्यायाधीश ने खारिज कर दी। बीते 11 जून को लोधिया बैरियर पर पुलिस ने हल्द्वानी से आ रही कार यूए 01 6550 को रोक तलाशी ली। चालक जीशान अली पुत्र नजर अली निवासी बंसल गली अल्मोड़ा के पास से 20़80 ग्राम स्मैक बरामद की गई। उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। गुरुवार को उसकी जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) पूरन सिंह कैड़ा ने दलील दी कि अभियुक्त जमानत का दुरुपयोग कर पुनरू अपराध में शामिल हो सकता है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद विशेष सत्र न्यायाधीश ने मलिक महजर ने उसकी जमानत अर्जी भी खारिज कर दी।

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