बच्चों का उत्पीड़न कर रहा शिक्षण संस्थान, फीस भी नहीं दे रहा वापस
अभिभावक ने खंड शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर उठाई कार्रवाई की मांग
जयन्त प्रतिनिधि।
नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत कशीरामपुर मल्ला रेलवे लाइन निवासी एक महिला अभिभावक ने क्षेत्र के एक निजी शिक्षण संस्थान पर उनके बच्चों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है। कहा कि वह मानसिक उत्पीड़न झेल रहे अपने बच्चों को दूसरे शिक्षण संस्थान में पढ़ाना चाहते हैं। लेकिन, उक्त संस्थान जमा की गई फीस भी वापस नहीं कर रहा। यही नहीं संस्थान उन्हें झूठे मुकदमें में फंसाने की धमकी दे रहे हैं। जबकि, उन्होंने ऋण लेकर बच्चों की पढ़ाई के लिए फीस जमा करवाई थी।
काशीरामपुर मल्ला निवासी प्रियंका नेगी ने इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजा है। उन्होंने कहा कि कुछ माह पूर्व उन्होंने अपनी बेटी आराध्या नेगी व बेटे ऋषभ नेगी का प्रवेश उक्त शिक्षण संस्थान में करवाया था। इसके लिए उन्होंने बकायदा ऋण लेकर सत्तर हजार रुपये फीस भी जमा की। लेकिन, प्रवेश के बाद उनके बेटे ऋषभ की सहपाठी छात्रा उससे अभद्रता करने लगी। यही नहीं छात्रा ने बेटे को अपत्तिजनक शब्द भी कहे। परेशान होकर उनके बेटे ने शिक्षिका से शिकायत की। लेकिन, शिक्षिका ने समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। बताया कि बेटे ने जब उन्हें इस बारे में बताया तो उन्होंने शिक्षण संस्थान की एमडी से शिकायत की। जिसके बाद एमडी ने अभद्रता करने वाली छात्रा को समझाने का आश्वासन दिया था। लेकिन, एमडी ने भी बेटे की समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। बताया कि लगातार मानसिक उत्पीड़न झेल रहे अपने बेटे व बेटी को उन्होंने शिक्षण संस्थान से हटाकर अन्यत्र जगह पढ़ाने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने एमडी से जमा फीस वापस देने की बात कही। लेकिन, एमडी फीस वापस नहीं करने की बात कहकर उनसे अभद्रता करने लगी। एमडी का कहना था कि उसकी पहुंच बड़े-बड़े अधिकारी व नेताओं से है। ऐसे में वह उन्हें किसी भी झूठे मुकदमें में फंसाकर जेल भिजवा देगी। बताया कि मानसिक उत्पीड़न करने वाली छात्रा की माता उक्त शिक्षण संस्थान में पढ़ाती है। जिसके कारण संस्थान लगातार उनका ही पक्ष ले रहा है। शिक्षण संस्थान के इस व्यवहार से प्रार्थिनी का परिवार मानसिक उत्पीड़न झेल रहा है।