महंगाई पर सियासी संग्राम के नाम रहा मानसून सत्र का पहला हफ्ता
नई दिल्ली, एजेंसी। मंहगाई और जरूरी वस्तुओं पर जीएसटी बढ़ाने के खिलाफ विपक्षी दलों के आक्रामक तेवर के फिलहाल थमने के संकेत नहीं है। कांग्रेस की अगुआई में संसद के बाहर और भीतर सरकार पर हमला बोल रहे विपक्षी दलों ने शुक्रवार को भी दोनों सदनों की कार्यवाही भारी हंगामा कर कई बार ठप करायी। सरकार और विपक्ष के बीच तकरार की वजह महंगाई पर चर्चा के समय को लेकर है। विपक्ष तुरंत महंगाई पर बहस की मांग को लेकर अड़ा है, तो सरकार वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के कोविड संक्रमण से उबरने के बाद चर्चा कराए जाने का प्रस्ताव दे रही है। इसी वजह से संसद में जारी तनातनी खत्म नहीं हो रही है और अब नई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सोमवार को शपथ लेने के बाद ही सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध निकालने के फार्मूले पर बातचीत होगी।
विपक्षी दलों के दोनों सदनों में हंगामे और कई बार व्यवधान के बावजूद सरकार ने राज्यसभा में प्रश्नकाल चलाया, तो लोकसभा में भी शोर-शराबे के बीच एक विधेयक पारित हो गया। महंगाई और जीएसटी की हाल में बढ़ी दरों को वापस लेने की मांग करते हुए विपक्ष ने मानसून सत्र के पहले हफ्ते में सियासी तेवरों को आक्रामक रखा जिसकी वजह से इस दौरान विधायी कामकाज लगभग ना के बराबर हुआ। इसीलिए सत्तापक्ष ने भी शुक्रवार को जवाबी तेवर दिखाते हुए विपक्ष को यह संदेश देने की कोशिश की हंगामा नहीं थमा तो सरकार अपने विधायी कामकाज को शोर-शराबे में ही पूरा कराने के विकल्प का इस्तेमाल करने से नहीं हिचकेगी।
सरकार के तेवरों के बावजूद विपक्षी दल महंगाई के सवाल पर सत्तापक्ष को घेरने की अपनी रणनीति को नरम नहीं पड़ने दे रहे हैं। दोनों सदनों में महंगाई पर बहस की मांग उठाते हुए हंगामा करने से पहले विपक्षी दलों ने संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा के समक्ष सुबह विरोध प्रदर्शन किया। इसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी, पी चिदंबरम के साथ शिवसेना, द्रमुक, माकपा, भाकपा, आरएसपी, राजद आदि के सांसद भी शामिल हुए।
इसके बाद लोकसभा में प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्षी सांसद वेल में जाकर महंगाई के खिलाफ नारेबाजी करने लगे तो स्पीकर ने समझाने का प्रयास किया और फिर सदन 12 बजे तक स्थगित हो गया। हालांकि इसके बाद भी दो व्यवधान हुए और हंगामे के बीच ही लोकसभा ने अंटार्टिका विधेयक पारित कर दिया और फिर सदन पूरे दिन के लिए स्थगित हो गया।
राज्यसभा में भी नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कार्यवाही शुरू होते ही कार्यस्थगन प्रस्ताव के अपने नोटिस का हवाला देते हुए महंगाई पर तत्काल बहस की मांग उठाई और विपक्षी सांसद हंगामा करते हुए वेल में चले गए। सभापति वेंकैया नायडू ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सरकार महंगाई पर चर्चा के लिए राजी हो गई है और यह कहते हुए सदन स्थगित कर दिया कि इसे ऐसे बाधित करना ठीक नहीं है।
इसके बाद उपसभापति ने हंगामे के बीच ही लगभग पूरा प्रश्नकाल चलाया जिसमें कई मंत्रियों ने सवालों के जवाब भी दिए। इस दौरान सदन के नेता वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार महंगाई पर चर्चा के लिए तैयार है और वित्तमंत्री के कोविड संक्रमण से उबरते ही बहस हो जाएगी। गोयल ने संसद के गतिरोध के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया। वहीं खड़गे ने इसका ठीकरा सरकार पर फोड़ते हुए कहा कि महंगाई और जीएसटी में इजाफे के लिए सरकार के पास कोई ठोस तर्क नहीं है ओर इसीलिए वह बहस से भाग रही है।