असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के हित हो रहे हैं सरकार के फैसले से प्रभावित
– वर्ष 2019 में सरकार ने किया था श्रम नियम में बदलाव
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी। असंगठित क्षेत्र के वाणिज्यिक प्रतिष्ठान व छोटी आद्यौगिक इकाईयों में 10 से कम श्रमिक होने पर इन्हें श्रम विभाग में पंजीकरण की छूट दी गई है। जिससे यहां काम करने वाले श्रमिकों के हित प्रभावित हो रहे हैं। संस्थान के श्रम विभाग में पंजीकृत न होने से यहां काम करने वाले श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। श्रमिक हितों के लिए कार्य करने वाले संगठनों का कहना है कि सरकार को इस निर्णय पर पुर्न विचार करना चाहिए। वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ऐसे श्रमिक श्रमयोगी मानधन योजना के तहत पंजीकरण करा सकते हैं।
प्रदेश के वाणिज्यिक व छोटी औद्योगिक इकाईयों को 10 से कम श्रमिक होने पर श्रम विभाग में पंजीकरण कराने की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। वर्ष 2019 तक सभी प्रतिष्ठानों को श्रम विभाग में पंजीकरण करना अनिवार्य था। पंजीकरण के दौरान प्रतिष्ठान अपने यहां कार्यरत श्रमिकों का पूरा विवरण श्रम विभाग को उपलब्ध कराता था। जिससे उन श्रमिकों को स्वत ही श्रम विभाग में पंजीकरण हो जाता था और श्रमिकों को सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिलता था, लेकिन अब छोटी इकाईयों के श्रम विभाग में पंजीकृत न होने से यहां कार्यरत श्रमिकों के हित प्रभावति हो रहे हैं। जन उड़ान संस्था के अध्यक्ष व श्रम सतर्कता समिति के सदस्य कुशलानाथ ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2019 में वाणिज्यिक व छोटे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को श्रम विभाग में पंजीकरण से छूट दे दी है। जो इन व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन यहां कार्य करने वाले श्रमिकों के लिए नुकसानदेय है। कुशलानाथ कहते हैं कि प्रतिष्ठानों का पंजीकरण न होने से यहां कार्य करने वाले श्रमिकों को श्रम मानकों के अनुसार मानदेय न मिलना, शोषण के खिलाफ आवाज न उठा पाना व श्रमिकों का स्पष्ट विवरण उपलब्ध न होने सहित कई अन्य समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। साथ ही पंजीकृत श्रमिक न होने से इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। कुशलानाथ ने कहा कि सरकार से मांग की गई है कि उक्त निर्णय पर पुर्न विचार किया जाए। जिससे किसी भी श्रमिक का हित प्रभावित न हो। वहीं श्रम प्रवर्तन अधिकारी पौड़ी वीपी जुयाल ने कहा कि ऐसे श्रमिक श्रम योगी मानधन योजना के तहत अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
कोविड कफ्र्यू का भी पड़ रहा असर
पौड़ी। जनपद पौड़ी में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों पर कोविड कफ्र्यू का भी असर पड़ रहा है। कोविड कफ्र्यू से व्यापारिक प्रतिष्ठानों के बंद रहने पर अधिकांश प्रतिष्ठान मालिकों ने अपने श्रमिकों की छंटनी कर दी है। जिससे कई श्रमिकों का काम छूट गया है। कुशलानाथ ने बताया कि कोविड कफ्र्यू व चार धाम यात्रा के बंद होने से प्रतिष्ठानों से श्रमिकों को हटाया जा रहा है।
जनपद में है 43 हजार श्रमिक पंजीकृत
पौड़ी। जनपद पौड़ी के श्रम विभाग में करीब 43 हजार श्रमिक पंजीकृत हैं। जिसमें 40 हजार निर्माण क्षेत्र व 3 हजार असंगठित क्षेत्र के श्रमिक शामिल हैं।
सर्वे में मिले थे 6 बाल श्रमिक
पौड़ी। जनपद पौड़ी में विगत वर्ष हुए बालश्रम सर्वेक्षण के तहत 6 बाल श्रमिक मिले थे। श्रम प्रवर्तन अधिकारी जुयाल ने बताया कि सर्वे में कोटद्वार क्षेत्र में 6 बाल श्रमिक पाए गए थे। इनमें तीन कोटद्वार के बाल श्रमिकों को स्कूल में प्रवेश दिलाया गया है। जबकि तीन यूपी से जुड़े बाल श्रमिकों को उनके गांव भेज दिया गया है।