चकराता में शुल्क वसूलने के बाद भी पर्यटकों को सुविधाएं नहीं दी जा रही

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विकासनगर()।चकराता से देवबन और मोयला टॉप जा रहे पर्यटकों से वन विभाग मार्ग सुधारण शुल्क और ईको टूरिज्म शुल्क के नाम पर मोटी रकम वसूल रहा है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर विभाग ने कोई इंतजाम नहीं किया है। स्थानीय होटल व्यावसायियों और पर्यटकों ने वन विभाग के इस शुल्क को अत्यधिक बताते हुए इसे आर्थिक शोषण करार दिया है। बड़ी संख्या में पर्यटक चकराता घूमने आते हैं। इनमें से अधिकांश पर्यटक मोयला टॉप और देवबन घूमने जाते हैं, लेकिन यहां पहुंचते ही वन विभाग के कर्मचारी पर्यटकों से प्रति वाहन पांच सौ रुपये मार्ग सुधारण शुल्क और पचास रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से ईको टूरिज्म शुल्क वसूल रहे हैं। देवबन जाने वाला 14 किलोमीटर लंबा मार्ग कच्चा और बहुत खराब स्थिति में है। मार्ग पर सिर्फ एसयूवी वाहन ही जा पाते हैं। जबकि मोयला टॉप जाने के लिए लोखंडी से बुधेर संपर्क मार्ग की दूरी मात्र दो किलोमीटर है। बावजूद इसके इन दोनों मार्गों के लिए विभाग पांच सौ रुपये का शुल्क प्रति वाहन वसूल रहा है। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष विक्रम पंवार, व्यापार मंडल अध्यक्ष चकराता केशर सिंह चौहान का कहना है वन विभाग की ओर से पैसा तो वसूला जा रहा है, लेकिन सुविधा के नाम पर पर्यटकों को कुछ नहीं मिल रहा है। न तो इन स्थानों पर शौचालय की सुविधा है न ही डस्टबिन हैं। दोनों जगह पेयजल की सुविधा भी नहीं है। कहा कि विभाग के इस रवैये का क्षेत्र के पर्यटन व्यवसाय पर असर पड़ रहा है। जनवरी माह में चकराता पहुंचे मुख्य वन सरंक्षक ईको टूरिज्म, जायका, बेम्बू बोर्ड पी के मात्रो ने भी होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर मोयला टॉप जाने वाले पर्यटकों के लिए लोखंडी में शौचालय निर्माण, पार्किंग निर्माण यात्री शेड का निर्माण कराने सहित कई दावे किए थे, लेकिन अभी तक कोई काम नहीं हुआ है।

 

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