उत्तराखंड

क्षतिग्रस्त सड़क, पुल को लेकर ग्रामीणों का अनशन जारी

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पिथौरागढ़। दर-सोबला मार्ग में क्षतिग्रस्त सड़क और पुल के छह माह बाद भी ठीक न होने पर दारमा के ग्रामीणों ने क्रमिक अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक प्रशासन की उनकी मांगों को पूरा नहीं करता, वह आंदोलन जारी रखेंगे। रविवार को चल के उपप्रधान दिनेश चलाल के नेतृत्व में ग्रामीणों ने धरना दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सोबला में बना वैली ब्रिज अगस्त 2023 से क्षतिग्रस्त है, लेकिन अब तक ब्रिज का सुधारीकरण कार्य न होना विभागीय लापरवाही को दर्शाता है। ग्रामीण वैलीब्रिज ठीक न होने से वैकल्पिक मार्ग से किसी तरह आवाजाही कर रहे हैं, जो कभी भी दुर्घटना का सबब बन सकता है। इसके अलावा दर में सड़क का 500 मीटर हिस्सा भू-धसाव होने से क्षतिग्रस्त है। उक्त सड़क को भी प्रशासन ने अब तक दुरस्त नहीं किया है। ग्रामीणों ने कहा कि वह लगातार प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन दे रहे हैं, लेकिन उनकी समस्याओं को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। पूर्व प्रधान मनोज नगन्याल ने बताया की दो माह बाद दारमा घाटी के 14 गांवो का माइग्रेशन काल शुरू हो जायेगा। सोबला पुल के आसपास बनाया गया अस्थाई सड़क मार्ग को जोखिम भरा हुआ है। उक्त सड़क को चौड़ा किया जाना बेहद जरूरी है। कहा कि वर्तमान हालातों में लोगों के लिए माइग्रेशन गांवों तक पहुंचना बेहद खतरनाक है। आंदोलनकारियों को समर्थन देते हुए दिनेश बंगयाल, छोरी देवी, सुनीता मारछाल, विंद्रा देवी, धीरा ग्वाल, मनोज ग्वाल, मुकेश ग्वाल ने भी धरना दिया।

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