उत्तराखंड

अतिक्रमण के विरोध में पूर्व विधायक के नेतृत्व पर धरने पर बैठे ग्रामीण

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रुद्रपुर। अतिक्रमण के विरोध में किच्छा और पंतनगर के लोग भाजपा के पूर्व विधायक राजेश शुक्ला के नेतृत्व में सड़कों पर उतर आए। इस दौरान उन्होंने विकास भवन पहुंचकर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए अतिक्रमण अभियान को तत्काल रोके जाने की मांग की। साथ ही अब तक हटाएं गए लोगों का विस्थापन कराने की मांग की। मांगे पूरी नहीं करने पर उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी प्रशासन को दी है। प्रदेशभर में सिंचाई विभाग, वन विभाग, लोक निर्माण विभाग की ओर से अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किये जा रहे हैं। इसमें दशकों से रह रहे लोगों को भी नोटिस दिए जा रहे हैं। इसे देखते हुए रविवार को किच्छा और पंतनगर के सैकड़ों लोग किच्छा के पूर्व विधायक राजेश शुक्ला के नेतृत्व में बड़ी संख्या में विकास भवन पहुंच गए। इस दौरान शुक्ला ने कहा कि कुछ अधिकारी सरकार को बदनाम करने की मंशा से काम कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई अधिकारी चुनाव में भाजपा को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। कहा कि जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद ये ऐलान कर चुके हैं कि राज्य गठन से पहले से सरकारी जमीनों पर बसे हैं उन्हें नहीं उजाड़ा जाएगा। ऐसे लोगों को हटाने से पहले उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी। सीएम के इस खुले ऐलान के बाद भी अधिकारी गरीबों को नोटिस थमा रहे हैं। कहा कि अधिकारियों की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा है उन अतिक्रमणकारियों कों हटाने की है जो धार्मिक स्थल की आड़ में सरकारी भूमि कब्जाना चाहते हैं। वर्षों से बसे लोगों को उजाड़ने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। शुक्ला ने कहा कि पंतनगर में जिन लोगों को सरकार ने खुद बसाया है उन्हें भी हटाने के लिए पुलिस-प्रशासन तैयारी कर रहा है। ऐसी मानसिकता को सहन नहीं किया जाएगा। इस दौरान भाजपा नेता धर्मराज जायसवाल, मनमोहन सक्सेना, मुकेश कोली, महेन्द्र वाल्मीकि, सचिन शर्मा, सुरेन्द्र चौधरी, धनी राम आदि लोग मौजूद रहे।

 

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