नई टिहरी : हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के एसआरटी परिसर बादशाही थौल में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का शुभारंभ परिसर के निदेशक प्रो. एए बौड़ाई ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस मौक पर परिसर में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं व छात्राओं को सम्मानित करने का भी काम किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि परिसर निदेशक प्रो. बोड़ाई ने कहा कि महिलाओं की भूमिका हर स्तर पर अहम है। महिलायें समाज व परिवार के लिए प्रेरणास्रोत होती हैं। बढ़ते हुए भारत में महिलायें जी 20 से लेकर विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी भूमिका तत्परता से निभा रही हैं। इस मौके पर प्रो. डीएस कैंतुरा ने कहा है कि दून आरईएमसी का इतिहास 100 साल पुराना है। इस संस्था की स्थापना 1922 में की गई थी। लेकिन 2022 से इस संस्था में पहली बार छात्राओं ने भी सैन्य अधिकारी बनने का प्रशिक्षण आरंभ किया गया। 11 विभिन्न महिलाएं अब यहां पर एनडीए कैडेट को शौर्य, गौरव और अनुशासन का पाठ पढ़ा रही हैं। मुख्य वक्ता प्रो. सुनीता गोदयाल व डा. हिमानी बिष्ट ने कहा है कि आज हर क्षेत्र में इतनी तेजी से कदम बढ़ा रही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि देहरादून में 54 महिलायें सी कैब चला रही हैं। श्रीनगर की तानिया अपने दम पर बालीवुड और भारत एंकरिंग में अपनी पहचान बना चुकी हैं। टिहरी के कीर्तिनगर के ब्लॉक के एक छोटे गांव की रंजना अपने दम पर खुशहाली नाम के स्वयं सहायता समूह को चलाकर अचान-पापड़ बनाकर दो दर्जन से अधिक महिलाओं को रोजगार देने का काम कर रही है। डा. आराधना बधानी, डा. सुमनलता, डा. अखिलेश सिंह कहा कि आज के दौर में महिलायें हवाई जहाज उड़ाने के साथ राजनीती व खेल की दुनिया में बड़े स्तर पर प्रतिभाग कर रही हैं। छात्रा नम्रता मखलोगा मकलोगा, सृष्टि एवं कमलेश ने विभिन्न कविता पाठ के माध्यम से अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर परिसर में उत्कृष्ठ कार्य करने वाली छात्राओं व महिलाओं को भी सम्मानित किया गया। संचालन प्रो मनमोहन ने किया। इस मौक पर डा. पूरन, डा. यूएस नेगी, डा. अरविंद, डा. हेमराज, डा. अखिलेश, डा. मनोज, डा. हंसराज विष्ट, डा. राजेश्वरी, डा. दिनेश आदि मौजूद रहे। (एजेंसी)