तेजस फाइटर जेट की बढ़ रही डिमांड, अमेरिका सहित 6 अन्य देशों ने दिखाई दिलचस्पी
नई दिल्ली, एजेंसी। भारतीय वायु सेना में शामिल भारत के स्घ्वदेशी जेट विमान तेजस को लेकर वैश्विक स्तर पर चर्चा हो रही है। जेट विमान तेजस जहां दक्षिण-एशियाई देश मलेशिया की पहली पसंद बना हुआ है, वहीं अमेरिका सहित छह अन्य देशों ने भी तेजस में अपनी दिलचस्पी दिखाई है। बता दें कि भारत और मलेशिया के बीच इस फाइटर जेट के सौदे को लेकर बातचीत का दौर जारी है। भारत ने मलेशिया को 18 हल्के-लड़ाकू विमान (एलसीए) श्तेजसश् बेचने की पेशकश की है।
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस इन छह देशों ने सिंगल-इंजन तेजस फाइटर जेट को खरीदने में अपनी दिलचस्पी दिखाई है।
मंत्रालय ने कहा, श्भारत सरकार ने पिछले साल राज्य के स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनटिक्स लिमिटेड को तेजस जेट विमानों के लिए 2023 के आसपास डिलीवरी के लिए + 6 बिलियन का अनुबंध दिया था बता दें कि 1983 में पहली बार इसे मंजूरी मिलने के चार दशक बाद ऐसा हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार, विदेशी रक्षा उपकरणों पर भारत की निर्भरता को कम करने की इच्टुक है, जेट विमानों के निर्यात के लिए राजनयिक प्रयास भी कर रही है। तेजस डिजाइन और अन्य चुनौतियों से घिरा हुआ है और एक बार भारतीय नौसेना द्वारा इसे बहुत भारी के रूप में खारिज कर दिया गया था।
रक्षा मंत्रालय ने संसद को बताया कि हिंदुस्तान एयरोनटिक्स ने पिछले साल अक्टूबर में रयल मलेशियाई वायु सेना के 18 जेट विमानों के प्रस्ताव के अनुरोध का जवाब दिया, जिसमें तेजस के दो सीटों वाले संस्करण को बेचने की पेशकश की गई थी।
रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने एक लिखित उत्तर में संसद सदस्यों को बताया, श्अन्य देशों ने एलसीए विमानों में रुचि दिखाई है, जिसमें अर्जेंटीना, अस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलीपींस शामिल हैं। उन्होंने कहा कि देश एक स्टील्थ फाइटर जेट के निर्माण पर भी काम कर रहा है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए समयसीमा देने से इनकार कर दिया है। भारत के पास वर्तमान में रूसी, ब्रिटिश और फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों का मिश्रण है।