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एक्टिव सर्विलांस ड्यूटी का आशा वर्कर्स ने किया विरोध, आंदोलन की चेतावनी

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अल्मोड़ा। प्रतिदिन एक्टिव सर्विलांस ड्यूटी कर रिपोर्ट देने के आदेश का आशा हेल्थ वर्कर्स ने कड़ा विरोध किया है। कहा कि बिना सुरक्षा इंतजामों के कोरोना
संक्रमण के खतरे में बगैर मानदेय सेवाएं दे रहीं आशा वर्कर्स का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक्टिव सर्विलांस ड्यूटी का आदेश वापस नहीं लेने पर आशा
वर्कर्स को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। एक्टू से संबद्ध उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन जिला और ब्लाक इकाई के बैनर तले गुरुवार को आशा वर्कर्स ने
एसडीएम अभय प्रताप सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी तथा लॉकडाउन में आशा वर्कर्स ने स्वास्थ्य
विभाग की ओर से सौंपी गई सभी जिम्मेदारियों का ईमानदारी और निष्ठा से निर्वहन किया। लेकिन अब राज्य सरकार ने आशा वर्कर्स को क्षेत्रों में एक्टिव सर्विलांस
ड्यूटी कर प्रतिदिन की रिपोर्ट देने का फरमान जारी किया है। जिसके तहत आशा वर्कर्स को असाध्य सहित विभिन्न रोगों से ग्रसित मरीजों के विवरण सहित 65
साल से अधिक के लोगों, गर्भवती, धात्री महिलाओं का पूरा विवरण उपलब्ध कराना होगा। यूनियन ने सवाल उठाया कि आखिर बिना कर्मचारी का दर्जा प्राप्त तथा
बगैर मानदेय व सुरक्षा इंतजामों के काम कर रही आशा वर्कर्स आखिर क्यों मनमाने आदेशों का पालन करें। साथ ही चेतावनी दी कि एक्टिव सर्विलांस ड्यूटी के
आदेश को तत्काल वापस नहीं लेने पर यूनियन आंदोलन शुरू करने को बाध्य होगी। ज्ञापन भेजने वालों में जिला उपाध्यक्ष मीना आर्या, ब्लाक अध्यक्ष कमला
जोशी, उपाध्यक्ष भावना बिष्ट सहित गीता सजवान, कुसुम लता जोशी, दीपा आर्या, सरोज चौधरी, सुनीता, नीमा बिरोड़िया, राधा देवी, नीमा बिष्ट, गरिमा, जया जोशी
आदि शामिल हैं।

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