हल्द्वानी। उत्तराखंड बार काउंसिल के आह्वान पर ऑनलाइन रजिस्ट्री के विरोध में मंडलभर के अधिवक्ताओं, अरायज नवीस, स्टांप वेंडर्स व दस्तावेज लेखकों ने सोमवार को कुमाऊं कमिश्नर कैंप कार्यालय में प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 10 दिन में उनकी मांगों को नहीं माना गया तो विधानसभा का घेराव करने को मजबूर होंगे। प्रदर्शन के दौरान अधिवक्ताओं ने कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा। ऑनलाइन रजिस्ट्री के विरोध में कुमाऊं मंडल के अधिवक्ता तहसील परिसर स्थित रजिस्ट्री दफ्तर के पास जमा हुए। इस दौरान हुई सभा में उत्तराखंड बार काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. महेन्द्र सिंह पाल ने कहा कि प्रस्तावित वर्चुअल रजिस्ट्री से दस्तावेज लेखकों, स्टांप वेडंर्स, अराजयज नवीस व अधिवक्ताओं का काम छीन जाएगा। सरकार को वर्चुअल रजिस्ट्री की व्यस्था को लागू करने से पहले आंदोलनकारियों को विश्वास में लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि 10 दिन के भीतर यदि उनकी सुनवाई नहीं हुई तो बार काउंसिल के आह्वान पर विधान सभा का घेराव किया जाएगा। बार काउंसिल के मेहरबान सिंह कोरंगा ने अधिवक्ताओं से प्रदेशभर में आंदोलन को तेज करने का आह्वान किया। संचालन कर रहे हल्द्वानी बार के अधिवक्ता गोविन्द सिंह बिष्ट ने कहा कि तहसील स्तर पर शुरू हुआ आंदोलन अब पूरे प्रदेश में फैल चुका है। अब उत्तराखंड बार काउंसिल के नेतृत्व में आंदोलन को पूरे प्रदेश में फैलाया जाएगा। तहसील परिसर में सभा के बाद अधिवक्ता जुलूस निकालकर कमिश्नर कैंप कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने कमिश्नर दीपक रावत के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा।