उत्तराखंड

३०अप्रैल को होने वाले कैंट चुनाव निरस्त

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विकासनगर। छावनी परिषद केचुनावों को निरस्त कर दिया गया है। चुनाव निरस्त होने से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के अरमानों पर पानी फिर गया। जबकि आम जनता में केंद्र सरकार के इस निर्णय को लेकर खुशी है। छावनी परिषद चकराता के मुख्य अधिशासी अधिकारी आरएन मंडल ने बताया कि रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव राकेश मित्तल की ओर से जारी गजट नोटिफिकेशन के द्वारा १७ फरवरी को हुई चुनाव की घोषणा को निरस्त करने के आदेश किये गए हैं। बताते चलें कि, देश की ६१ में से ५७ छावनियों में ३० अप्रैल को चुनाव प्रस्तावित थे। लेकिन अधिकांश कैंट क्षेत्र में रहने वाली जनता कैंट ऐक्ट २००६ में संशोधन किए बिना चुनाव किये जाने का विरोध कर रही थी। लगभग १२ से ज्यादा कैंट के बाशिंदों ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा भी कर दी थी। कैंट ऐक्ट में जो कानून है, उनसे कैंट में रहने वाली जनता काफी त्रस्त है। यहां रहने वाले लोगों के आवासीय भवनों के म्यूटेशन नही हो पाते हैं, जिससे उन्हें भवन निर्माण की अनुमति लेने में बहुत परेशानी होती है। साथ ही लंबे समय से कैंट को समाप्त कर निगम क्षेत्र में विलय करने की कवायद चलने की भी खबरें थीं। चुनाव निरस्त होने से कैंट में अब १७ फरवरी से पहले की स्थिति रहेगी।

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