उत्तराखंड

कपकोट व भराड़ी में उत्तरायणी मेले का रंगारंग आगाज

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बागेश्वर। बागेश्वर के बाद कपकोट और भराड़ी में भी मंगलवार को उत्तरायणी मेले का शुभारंभ हो गया है। सांसद अजय टम्टा ने कपकोट के केदारेश्वर मैदान में आयोजित महोत्सव का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि लोक संस्ति को आगे बढ़ाने में मेलों की भूमिका अहम होती है। उन्होंने सभी लोगों से मेले का शांतिपूर्ण ढंग से आनंद लेने की अपील की है। दानपुर की ऐतिहासिक लोक संस्ति, परंपरा व विरासत को संजोए उत्तरायणी कौतिक के शुभारंभ पर क्षेत्रीय विधायक सुरेश गड़िया ने कहा कि हमारी बोली, भाषा, लोकगीत, झोड़ा-चाचरी आदि लोक संस्ति के संरक्षण व संवर्द्धन में उत्तरायणी मेला मील का पत्थर साबित हो रहा है। उन्होंने सभी से समृद्घ सांस्तिक विरासत की ताकत को पहचानने और इसके विस्तार के लिए आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने लोगों से लोक परंपराओं से जुड़ने में अपना योगदान प्रदान करने की अपील की। कार्यक्रम में उत्तराखंड के लोक कलाकारों ने गीतों से समा बांध दिया।
इस दौरान दर्जा राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट, पूर्व मंत्री बलवंत सिंह भौर्याल, जिला पंचायत अध्यक्ष बसंती देव, वीरेंद्र वल्दिया, विक्रम शाही, प्रभा गड़िया, संजय परिहार, ओम प्रकाश ऐठानी, गोविंद बिष्ट, लक्ष्मण देव आदि मौजूद रहे। उधर मां बाराही मंदिर भराड़ी में मंगलवार को आयोजित मेले में भी खूब भीड़ उमड़ी। यहां लगी दुकानों से लोगों ने जमकर खरीदारी की। सांस्तिक दलों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश किए। महिलाओं और बच्चों ने दुकानों में जाकर खरीदारी की और झूले-चर्खों का आनंद लिया।
कपकोट में पहली बार नाव चली
कपकोट। कपकोट में आयोजित उत्तरायणी मेले में पहली बार नाव चलाई जा रही है। सरयू नदी में चल रही नाव में बैठने वालों का तांता लग रहा है। बैजनाथ झील में चल रही नावों में से दो नाव यहां लाए गए हैं। इसके लिए सरयू में त्रिम झील बनाई गई है। हर उम्र के लोग इसमें नौकायन का आनंद ले रहे हैं।

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