बिग ब्रेकिंग

जासूसी कराने की रिपोर्ट पर विपक्षी शोर की क्रोनोलजी समझिये: अमित शाह

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

नई दिल्ली,एजेंसी। पेगासस स्पाइवेयर के माध्यम से जासूसी कराने की रिपोर्ट को भारत के विकास में विघ्न डालने वाला बताते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने इसे जारी करने के समय और विपक्ष के संसद के भीतर हंगामे की क्रोनोलोजी को समझने की जरूरत बताई। उन्होंने साफ कर दिया कि श्विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां अपने षड़यंत्रों से भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक पाएंगी। मानसून सत्र देश में विकास के नए मापदंड स्थापित करेगा।श्
रविवार देर शाम पेगासस पर रिपोर्ट जारी होने और सोमवार को संसद के भीतर हंगामे के पीटे एक सोची समझी साजिश बताते हुए अमित शाह ने कहा कि देश की जनता इस क्रोनोलोजी को, इसे फैलाने वालों के रिश्ते को बहुत अच्टे तरीके से समझती है। उन्होंने कहा कि पूरे घटनाक्रम का उद्देश्य भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को अपमानित करना है। उन्होंने नए मंत्रियों का परिचय कराते समय सदन के भीतर विपक्ष के हंगामे को लोकतंत्र के मंदिर और उसकी गरिमा के खिलाफ बताया। अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार इन तमाम बाधाओं से निपटने के तैयार है और वह श्राष्ट्रीय कल्याणश् के लिए निरंतर काम करती रहेगी।
ज्ञात हो कि इंटरनेशनल मीडिया कंसोर्टियम की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 300 से ज्यादा लोगों के फोन टैप कराए गए हैं। इनमें दो केंद्रीय मंत्री, विपक्ष के तीन नेता, 40 से अधिक पत्रकार, एक मौजूदा जज, सामाजिक कार्यकर्ता और कई उद्योगपति शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2018 और 2019 के बीच फोन टैप कराए गए थे। इसे लेकर मानसून सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ।
केंद्र सरकार ने इजरायली कंपनी की ओर से तैयार जासूसी सफ्टवेयर पेगासस के जरिए पत्रकारों एवं अन्य विशिष्ट हस्तियों की जासूसी कराने संबंधी रिपोर्टों को खारिज कर दिया है। सरकार ने रिपोर्टों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास है। भारत अपने नागरिकों के निजता के अधिकारों की रक्षा करने को प्रतिबद्घ है। सरकार ने पेगासस के साथ संबंध के कथित दावों को खारिज करते हुए कहा कि कोई अनधित अवरोधन नहीं हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!