उत्तराखंड

डीएम ने ली वनाग्नि सुरक्षा समिति की बैठक

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नई टिहरी।वनाग्नि सुरक्षा समिति की बैठक में बोलते हुए डीएम डा सौरभ गहरवार ने कहा कि वन विभाग यह सुनिश्चित करे कि वनाग्नि से कोई जनहानि और पशुहानि न हो। डीएम ने रेखीय विभागों को वनाग्नि रोकने को लेकर पुख्ता रणनीति बनाने के निर्देश दिए। जिला सभागार में आयोजित बैठक में डीएम ने कहा कि वनाग्नि रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर समिति गठित कर सभी आवश्यक सुविधाओं के लिए वन पंचायत से आवश्यकतानुसार प्रस्ताव प्राप्त कर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। डीएफओ को निर्देशित किया कि वनाग्नि से संबंधित कन्ट्रोल रूम को जनपद आपातकालीन परिचालन केन्द्र में स्थापित करना सुनिश्चित करें। ताकि सभी सूचनाएं एक ही जगह पर प्राप्त हो सके। साथ ही जिला स्तरीय फायर प्लान के संबंध में एरिया वाइज एवं सामग्री वाइज विस्तृत विवरण उपलब्ध करायें। वनाग्नि की दृष्टि से संवेदनशील व अतिसंवदेशील क्षेत्रों को चिन्ह्ति कर सूचना जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय एवं संबंधित एसडीएम को उपलब्ध करायें। वन रेंजर, सरपंच एवं ग्राम प्रधानों के नम्बर कन्ट्रोल रूम में रखे। ताकि संबंधितों को बल्क मैसेज भी किये जा सके। 3 खराब पड़े फायर सर्विस वाहनों को एक सप्ताह में ठीक करवाने को कहा।
बैठक में जिला स्तरीय फायर प्लान के लिए वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 का 1657़93 लाख प्रस्ताव अनुमोदन के लिए लाया गया। डीएफओ वीके सिंह ने पीपीटी के माध्यम से अवगत कराया गया कि वनाग्नि काल 15 फरवरी से 15 जून तक रहता है तथा बारिश न होने पर आगे तक भी चला जाता है। फरवरी, 2023 के अंत तक वनाग्नि नियत्रंण के लिए नियंत्रित दहन कार्यवाही की जायेगी। जनपद में वनाग्नि की दृष्टि से अतिसंवेदनशील क्षेत्रों की देख-रेख के लिए 176 क्रु स्टेशनों की स्थापना की गई है। जिनमें 8 से 10 स्टाफ नियुक्त है। इसके साथ ही मार्च, 2023 तक सौ वनाग्नि सुरक्षा समिति गठित कर दी जायेंगी। बीते साल वनाग्नि की 244 घटनाएं घटित हुई। बैठक में पीडी प्रकाश रावत, एसडीएम अपूर्वा, डीपीआरओ एमएम खान, रेंजर आशीष डिमरी आदि मौजूद रहे।

 

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