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दिल्ली-यूपी समेत भारत के 7 राज्यों में भूकंप के झटके, नेपाल में 6 की मौत

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नई दिल्ली, एजेंसी। भारत, चीन और नेपाल में मंगलवार देर रात 1़57 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इनकी तीव्रता 6़3 तक मापी गई। भारत में दिल्ली, यूपी, बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र नेपाल था। ऐसे में सबसे ज्यादा तबाही की खबरें नेपाल से ही सामने आ रही हैं। यहां के दोती में एक घर गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई।
दिल्ली-एनसीआर में भूकंप आने के बाद लोग घरों से बाहर निकल आए। जो काफी देर तक वापस नहीं गए। जब भूकंप आया तब लोग गहरी नींद में थे, लेकिन झटकों के लगने से उनकी नींद खुल गई। कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी शेयर किए हैं।
नेपाल में डेढ़ घंटे में दो झटके महसूस किए गए। देर रात एक बजकर 57 मिनट के बाद 3 बजकर 15 मिनट पर भूकंप रिकर्ड किया गया। इसकी तीव्रता 3़6 रही। नेशनल सेंटर फर सीस्मोलजी के अनुसार, 8 नवंबर की रात 9 बजे भी नेपाल में भूकंप आया था। तीव्रता 4़9 रही। 8 नवंबर को ही दिन में करीब 12 बजे मिजोरम में भी भूकंप आया था। यहां तीव्रता 4़4 थी।
नेपाल में भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान की खबर है। यहां के दोती में भूकंप के झटकों से एक मकान गिर गया। नेपाल पुलिस के मुताबिक, रात 2 बजे आए भूकंप से दोती जिले में एक घर गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई। 5 घायल हो गए। नेपाल सेना को भूकंप प्रभावित इलाकों में तलाशी और बचाव अभियान के लिए भेजा गया है। डोटी में 6़6 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। मरने वालों में एक ही परिवार के 3 लोग शामिल हैं। भूकंप में घायल हुए लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। नेपाल में सेना राहत और बचाव कार्य में जुट गई है।
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2़0 या 3़0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है।

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