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भारत ने चीन के नागरिकों के पर्यटक वीजा निलंबित किए, छात्रों को लेकर चीनी उदासीनता के बाद सरकार ने उठाया सख्त कदम

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नई दिल्ली, एजेंसी। भारत ने चीनी नागरिकों को जारी पर्यटक वीजा को निलंबित कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आइएटीए) ने 20 अप्रैल को यह जानकारी दी। भारत ने यह कदम चीन के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों को अपने यहां आने देने में उसकी उदासीनता के बाद उठाया है। भारत चीन के विश्वविद्यालयों में पंजीत लगभग 22,000 भारतीय छात्रों की परेशानी का मुद्दा चीन के समक्ष उठाता रहा है। ये छात्र वहां जाकर कक्षाएं नहीं ले पा रहे हैं।
चीन ने अभी तक इन छात्रों को अपने यहां आने की मंजूरी नहीं दी है। 2020 की शुरुआत में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण इन छात्रों को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर भारत लौटना पड़ा था। भारत को लेकर 20 अप्रैल को जारी एक परिपत्र में आइएटीए ने कहा कि चीन के नागरिकों को जारी किए गए पर्यटक वीजा अब वैध नहीं हैं।
इसमें कहा गया है कि निम्नलिखित यात्रियों को भारत में प्रवेश करने की अनुमति है-भूटान, भारत, मालदीव और नेपाल के नागरिक, भारत द्वारा जारी निवास परमिट वाले यात्री, भारत द्वारा जारी वीजा या ई-वीजा वाले यात्री, ओवरसीज सिटिजन आफ इंडिया (ओसीआइ) कार्ड या बुकलेट वाले यात्री, भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआइओ) कार्ड वाले यात्री और राजनयिक पासपोर्ट वाले यात्री।
आइएटीए ने यह भी कहा कि 10 साल की वैधता वाले पर्यटक वीजा अब मान्य नहीं हैं। आइएटीए लगभग 290 सदस्यों वाली एक वैश्विक एयरलाइन निकाय है। इसके सदस्य देशों के बीच 80 प्रतिशत वैश्विक हवाई यात्रा का संचालन होता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 17 मार्च को कहा था कि भारत ने बीजिंग से इस मामले में श्सौहार्दपूर्ण रुखश् अपनाने का आग्रह किया है। सख्त प्रतिबंधों की निरंतरता हजारों भारतीय छात्रों के शैक्षणिक करियर को खतरे में डाल रही है।
बागची ने कहा कि चीनी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने आठ फरवरी को कहा था कि चीन इस मामले को समन्वित तरीके से देख रहा है। विदेशी छात्रों को चीन लौटने की अनुमति देने की व्यवस्था की जांच की जा रही है। लेकिन मैं स्पष्ट कर दूं कि आज तक चीनी पक्ष ने भारतीय छात्रों को लेकर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है। हम चीनी पक्ष से अपने छात्रों के हित में एक अनुकूल रुख अपनाने का आग्रह करना जारी रखेंगे। यह कहते रहेंगे कि वह जल्द से जल्द छात्रों को चीन लौटने की सुविधा प्रदान करे, जिससे कि भारतीय छात्र अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।

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