पहाड़ी की जीवनशैली से करवाया अवगत
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित की गई कार्यशाला
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार में आयोजित कार्यशाला में शिक्षकों ने विद्यार्थियों को पहाड़ी की जीवनशैली से अवगत करवाया। इस अवसर पर 1 से 19 वर्ष की आयु के छात्र-छात्राओं को एल्बेंडाजोल दवाई खिलाई गई।
राष्ट्रीय सेवा योजना एवं रोवर्स रेंजर्स इकाई के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया गया। प्राचार्य जानकी पंवार ने कहा कि पहाड़ी व्यंजन, पहाड़ी जीवन-यापन खास तौर पर हरी सब्जी, स्थानीय स्तर पर उगाए गए फलों को यदि आहार के रूप में ग्रहण करते हैं तो निश्चित रूप से मनुष्य के शरीर में बीमारी नहीं पनप पाएगी। इस अवसर पर राजकीय संयुक्त चिकित्सालय से डॉ. शारंग राकेश ने छात्र-छात्राओं को कृमि मुक्ति दिवस की सार्थकता के बारे में बताते हुए कहा कि देश के अधिकांश बच्चों (1 से 19 वर्ष की अवस्था) के पेट में यह बीमारी जन्म ले रही है, जिससे कि बच्चे पनप नहीं पाते और उनका शारीरिक विकास समुचित रूप से नहीं हो पाता। उन्होंने इस बीमारी से बचने के उपायों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर रोवर्स प्रभारी डॉ. जुनीष कुमार ने छात्र-छात्राओं को इस बीमारी के घातक प्रभावों से आगाह किया। रेंजर्स प्रभारी डॉ. सुषमा थलेड़ी ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कृमि मुक्ति दिवस मनाए जाने के महत्व पर जोर दिया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. संतोष कुमार गुप्ता ने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है, जिससे नवीन विचारों का सृजन होता है अत: शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कृमि मुक्त होना आवश्यक है। राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रोशनी असवाल ने इस बीमारी के कारणों पर प्रकाश डाला। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के इस कार्यक्रम में डॉ. अरविंद सिंह, डॉ. सुरभि मिश्रा, डॉ. अरुणिमा मिश्रा, डॉ. हीरा सिंह सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।