कोटद्वार-पौड़ी

कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए चयनित भूमि फिर बनी फुटबॉल, अब फिर गेंद चिकित्सा विभाग के पाले में पूर्व मंत्री ने कहा मेडिकल कॉलेज के नाम पर गुमराह कर रहे विधायक

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय विधायक का तीन वर्ष का कार्यकाल निराशाजनक एवं दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। विधायक ने मेडिकल कॉलेज के नाम पर जनता के साथ खिलवाड़ किया है। विधायक तीन साल से जनता को गुमराह कर रहे है ईएसआई के माध्यम से भाबर में मेडिकल कॉलेज बनाया जायेगा। जबकि ईएसआई मेडिकल कॉलेज बनाती ही नहीं है। पूर्व मंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय विधायक ने निजी स्वार्थ के लिए मेडिकल कॉलेज की जमीन को श्रम विभाग को हस्तान्तरित करवाने का शासनादेश जारी करवाया। उन्होंने कहा कि विधायक ने कोटद्वार विधानसभा को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कांग्रेस कार्यकर्ता अब कोटद्वार को बर्बादी से बचाने के लिए सड़कों पर उतर चुका है। पूर्व मंत्री ने कहा कि अब पुन: इस भूमि में से 23 एकड़ भूमि पर चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेज खोलने की बात कही गई है, जिससे पुन: 31.72 एकड़ भूमि में से 23 एकड़ भूमि श्रम विभाग से चिकित्सा शिक्षा विभाग को हस्तान्तरित कर दिया गया है।
रविवार को गोखले मार्ग स्थित कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने भाबर में मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति दी थी और चार करोड़ रूपये स्वीकृति किये थे। जनवरी 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया था, लेकिन प्रदेश में सत्ता परिर्वतन होने से मेडिकल कॉलेज का निर्माण कोटद्वार के लिए सपना रह गया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय विधायक ने अपने स्वार्थ के लिए करीब 192 बीघा जमीन को चिकित्सा शिक्षा विभाग से श्रम विभाग को हस्तान्तरित करवा दिया। पूर्व मंत्री ने स्थानीय विधायक पर हजारों युवाओं की नौकरी छीनने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाबर में मेडिकल कॉलेज बन जाता तो हजारों स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलता, लेकिन विधायक की लापरवाही के कारण अभी तक मेडिकल कॉलेज का निर्माण नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में कोटद्वार विधानसभा विकास में पिछड़ गई है। इसके लिए उन्होंने विधायक को जिम्मेदार ठहराया।
पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि कण्वाश्रम के विकास के लिए पूर्ववर्ती सरकार द्वारा योजना बनार्ई गई थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने कण्वाश्रम से तीन किमी. आगे खनन के नाम पर नदी को खोदना शुरू करा दिया। जिस कारण नदी का बहाव बदलने का खतरा बन गया। जिस पर स्थानीय लोगों ने कोर्ट में पीएल दायर कर दी। उन्होंने कहा कि कोर्ट में पीएल नदी के बहाव को लेकर लगाई गई है न कि विकास कार्यों पर। सरकार इस मामले में कोर्ट में पहल नहीं कर रही है। जिस कारण कण्वाश्रम के विकास की योजनाएं अधर में लटकी हुई है। अगर कण्वाश्रम का विकास होता तो पर्यटन व्यवसाय से जुड़कर हजारों युवाओं को रोजगार मिलता। उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक ने 15 से 20 हजार लोगों का रोजगार छीना है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष डॉ चन्द्रमोहन खरक्वाल, महानगर अध्यक्ष संजय मित्तल, सेवादल के अध्यक्ष राकेश शर्मा, यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष अमित राज सिंह, विधानसभा अध्यक्ष विजय रावत, पूर्व दर्जाधारी राज्य मंत्री विजय नारायण सिंह, छात्र संघ अध्यक्ष हिमांशु बहुखंडी मौजूद थे।
चिकित्सा शिक्षा व श्रम विभाग के दरवाजों पर धक्के खा रही मेडिकल कॉलेज की जमीन
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी के ड्रीम प्रोजेक्ट कोटद्वार मेडिकल कॉलेज की स्थापना का सपना भले ही अभी अंजाम तक नहीं पहुंचा हो, लेकिन उसके लिए चयनित पौने 32 एकड़ भूमि दो विभागों चिकित्सा शिक्षा एवं श्रम विभाग के बीच फुटबॉल बनकर रह गई है। पौड़ी गढ़वाल प्रशासन द्वारा पूर्व में कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए 31.72 एकड़ भूमि का चयन कर चिकित्सा शिक्षा विभाग के नाम दर्ज कर दी थी। किन्तु समय रहते पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी इस भूमि पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना कराने में नाकाम रहे तो कोटद्वार के वर्तमान विधायक व प्रदेश में काबीना मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने इस भूमि को श्रम विभाग को मेडिकल कॉलेज खोेलने के लिए हस्तान्तरित करवा दिया। तीन साल गुजरने के बाद क्षेत्रीय विधायक डॉ. हरर्क ंसह रावत का श्रम विभाग भी इस भूमि पर मेडिकल कॉलेज खोलने में नाकाम रहा। अब पुन: इस भूमि में से 23 एकड़ भूमि पर चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेज खोलने की बात कही गई है, जिससे पुन: 31.72 एकड़ भूमि में से 23 एकड़ भूमि श्रम विभाग से चिकित्सा शिक्षा विभाग को हस्तान्तरित कर दिया गया है। अब देखना है कि इस भूमि पर कौन मेडिकल कॉलेज की स्थापना कर सकता है।
कोटद्वार की पहचान बनी खस्ताहाल सड़कें
पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि यहां की सड़कें कोटद्वार की पहचान बन गई है। कोटद्वार विधानसभा में सभी सड़कों की हालत ऐसी बनी हुई है कि स्वस्थ आदमी भी इसमें बीमार पड़ जायेगा। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार में सभी सड़कें बनाई गई थी, लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने तीन वर्ष के कार्यकाल में सड़क मरम्मत के लिए एक भी पैसा नहीं दिया गया। जिस कारण सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। उन्होंने कहा कि सड़कों की हालत ऐसे है कि गड्ढ़ों में सड़क ढूढ़नी पड़ रही है। पूर्व मंत्री आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय विधायक लालढांग-चिलरखाल मार्ग को लेकर जनता को गुमराह कर रहे है। विधायक इस मार्ग के निर्माण को लेकर गंभीर नहीं है। पूर्ववर्ती सरकार ने आरबीआई-81 के तहत उक्त मांग के लिए धनराशि स्वीकृति की थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने उसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि उक्त मार्ग कोटद्वार भाबर की लाइफ लाइन है, लेकिन सरकार इस मार्ग का निर्माण नहीं करा पा रही है। जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने इसके लिए धनराशि भी जारी की थी।
कैसे होगी किसानों की आय दोगुनी
पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि कोटद्वार भाबर में सिंचाई के लिए चार नहरें है। दो खोह और दो नहरें मालन नदी से निकलती है, लेकिन वर्तमान में सिंचाई नहरों व गूलों के जगह-जगह क्षतिग्रस्त होने और उनमें मलबा भरा होने से पानी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है। जिस कारण किसान फसल की सिंचाई नहीं कर पा रहे है। उन्होंने कहा कि एक ओर तो केन्द्र/राज्य सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कह रही है, लेकिन वहीं दूसरी ओर किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है। ऐसे में किसानों की आय दोगुनी होना कैसे सम्भव है। उन्होंने कांग्रेस पिछले काफी समय से नहरों व गूलों की मरम्मत एवं सफाई कराने की मांग कर रही है, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
कोटद्वार विधायक नहीं चाहते विकास
पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में पेयजल, सीवर सहित अन्य सुविधाओं के लिए एडीबी ने लगभग 150 करोड़ रूपये का प्रोजेक्ट तैयार किया था। पूर्व में नगर निगम के प्रेक्षागृह में इस संबंध में मेयर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई थी, लेकिन स्थानीय विधायक ने उसे भी स्थगित करवा दिया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि विधायक नहीं चाहते है कि कोटद्वार का विकास हो। इसलिए ही उन्होंने कोटद्वार से 150 करोड़ के प्रोजेक्ट को छीन लिया।
पूर्व मंत्री ने गिनाई हरक सिंह की विफलताएं
पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने स्थानीय विधायक की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि विधायक ने उपलब्धि के नाम पर विधानसभा में शराब की दुकानें खोली है। जिला विकास प्राधिकरण, नगर निगम थोपा है। कोटद्वार से कालागढ़ यातायात बंद कराया और कोटद्वार की नदियों में पहली बार जेसीबी, पोकलैण्ड मशीनों से खनन कराया। उन्होंने कहा कि विधायक की तीन साल के कार्यकाल में यही उपलब्धि रही है। पूर्व मंंत्री ने कहा कि विधायक ने नगर निगम तो बनाया लेकिन एक नगर आयुक्त, दो सहायक नगर आयुक्त, पांच सफाई निरीक्षक, एकाउटेंट, प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति नहीं क८ी।

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