मरीजों के चेहरों पर मुस्कान लाने के लिए पीएम मोदी ने डक्घ्टरों को दी यह सलाह
नई दिल्ली,एजेंसी। किसी काम को लेकर गंभीर होना और हमेशा गंभीर दिखते रहना, दोनों अलग बात है। मेरा अनुरोध है कि डक्टर हंसने और मजाक करने की अपनी आदत को जिंदा रखें। इससे मरीजों के चेहरे पर भी खुशी लाना संभव होगा और उनका मनोबल बढ़ेगा। तमिलनाडु की डा़ एमजीआर मेडिकल यूनिवर्सिटी के 33वें दीक्षा समारोह में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात कही।
मोदी ने कहा कि देश में डक्टरी सबसे सम्मानजनक पेशा है। महामारी के बाद समाज में डक्टरों के प्रति सम्मान और बढ़ गया है, क्योंकि लोगों ने इस पेशे की गंभीरता को समझा है। कई बार डक्टर उस वक्त उम्मीद की किरण बनकर सामने आते हैं, जब किसी के लिए जीने-मरने की बात होती है। कोरोना महामारी के संकट का देश ने बहुत अच्छी तरह से सामना किया। इससे मिली सीख अन्य बीमारियों से लड़ने में भी मदद करेगी।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान डक्टरों से अपनी सेहत का ध्यान रखने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि डक्टरों को अपना मजाकिया लहजा कायम रखना चाहिए। यह हंसी-खुशी लोगों को उम्मीद देती है, जो कई मामलों में बहुत अहम है। साथ ही, डक्टरों को अपनी शारीरिक एवं मानसिक सेहत का भी ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि उनका काम बहुत दबाव वाला है। मोदी ने बेहतर स्वास्थ्य के लिए डक्टरों से योग, ध्यान और साइकिलिंग जैसे तरीके अपनाने को भी कहा।
दीक्षा समारोह के दौरान 21,000 से ज्यादा छात्रों को डिग्री दी गई, जिनमें 70 फीसद लड़कियां हैं। पीएम ने इसे गर्व और खुशी का क्षण बताया। संबोधन के दौरान मोदी ने नेशनल मेडिकल कमीशन के गठन और पिछले छह साल में देश में 15 नए एम्स की मंजूरी जैसे सरकार के कदमों का भी जिक्र किया।
तमिलनाडु में भी केंद्र सरकार ने 11 नए मेडिकल कलेज खोलने की मंजूरी दी है। ये कलेज उन जिलों में खोले जाएंगे, जहां अभी कोई मेडिकल कलेज नहीं है। कुछ साल पहले अपने श्रीलंका दौरे को याद करते हुए मोदी ने कहा कि वहां हेल्थकेयर सेक्टर में काम कर रहे तमिल भाइयों-बहनों पर भारत को गर्व है। एआइएडीएमके के संस्थापक एवं तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एमजी रामचंद्रन यानी एमजीआर का जन्म श्रीलंका में ही हुआ था।