उत्तराखंड

तहसील परिसर में गरजे दुग्ध उत्पादक

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अल्मोड़ा। लंबित मांगों के निराकरण को लेकर दूनागिरी-दूधोली क्षेत्र के दुग्ध उत्पादकों ने शनिवार को तहसील परिसर में धरना दिया। मांगों के निराकरण को लेकर नारेबाजी की। संगठन के अध्यक्ष आनंद सिंह बिष्ट के नेतृत्व में तहसील प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री व दुग्ध विकास मंत्री को ज्ञापन भेजा। मांगें जल्द पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। ज्ञापन में दुग्ध उत्पादकों ने पर्वतीय क्षेत्र में दुग्ध प्रोत्साहन राशि 6 रुपया प्रति लीटर करने, वर्ष 2022-23 का भुगतान करने, दुग्ध समितियों के सचिवों की प्रोत्साहन राशि 2 रुपये प्रति लीटर करने के साथ पिछले वर्ष का भुगतान करने, अक्टूबर 2016 से मार्च 2017 तक की दुग्ध प्रोत्साहन राशि का अविलंब भुगतान करने की मांग की। इसके अलावा दुग्ध उत्पादकों ने कहा कि दुग्ध संघ अल्मोड़ा को जिला योजना से पशु चिकित्सा अनुदान न मिलने से बाजार से दवाईयां खरीद कर पशुओं का उपचार करने को विवश हैं। जिसको देखते हुए उन्होंने चिकित्सा अनुदान दिये जाने के निर्देश देने, पशु आहार की कीमतों में भारी बृद्घि पर रोष जताते हुए बढ़ी कीमतों को वापस लेने व पशु आहार 50: अनुदान पर देने, दुग्ध संघ अल्मोड़ा के घाटे में होने से दुग्ध उत्पादकों व कर्मचारियों को दो माह विलम्ब से भुगतान को पाटने हेतु सरकार से आवश्यकता अनुसार अनुदान या सरलाण देने, दुग्ध संघ अल्मोड़ा की वित्तीय अनियमितताओं के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही सुनिश्चित करने की मांग की। चेतावनी देते हुए कहा कि 12 सूत्रीय मांगों पर 15 दिनों के भीतर कार्यवाहीं न होने पर दुग्ध उत्पादक दुग्ध आपूर्ति रोकने को बाध्य होगें। यहां दुग्ध उत्पादक सचिव विकास संगठन अध्यक्ष आनंद सिंह बिष्ट, ब्रहमानंद डालाकोटी, चंद्र शेखर जोशी, महेश पंत, निरंजन बिष्ट, प्रताप सिंह, रविंद्र सिंह खाती, तारा बिष्ट आदि मौजूद रहे।

 

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