कोटद्वार-पौड़ी

रोटी खिलाने के लिए गो माता, ठंड से बचाने कोई नहीं आता

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आवारा गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए नहीं है कोई व्यवस्था
लाखों खर्च करने के बाद भी काशीरामपुर गोशाला में नहीं हुए गोवंश शिफ्ट
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : भले ही सरकार गो-संरक्षण के नाम पर कई योजनाएं चल रही हो। लेकिन, कोटद्वार शहर की सड़कों पर घूमने वाले गोवंशों पर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। हालत यह है कि लगातार बढ़ रही ठंड के कारण गोवंश सड़क पर ही दम तोड़ रही हैं। काशीरामपुर तल्ला में लाखों की लागत से बनाई गई निगम की गोशाला में खानापूर्ति के नाम पर ही गोवंश शिफ्ट किया गया है। अधिकांश गोवंश अब भी सड़क पर घूम रहे हैं।
अक्टूबर 2018 में नगर निगम प्रशासन की ओर से काशीरामपुर तल्ला में करीब दो बीघा भूमि पर लगभग साढ़े 17 लाख की लागत से गोशाला का निर्माण करवाया गया था। मकसद था कि क्षेत्र में जगह-जगह सड़कों पर घूम रहे गोवंश को गोशाला में संरक्षण दिया जाएगा। लेकिन, निर्माण के कई वर्ष बाद भी गोशाला में नामात्र के गोवंशों का ही संरक्षण किया जा रहा है। नतीजा, आज भी सड़क पर घूम रहे अधिकांश गोवंश ठंड से दम तोड़ रहे हैं। गोवंशों के संरक्षण के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। देवी रोड निवासी पुष्पा देवी ने बताया कि नगर निगम गो-संरक्षण को लेकर गंभीर नहीं है। जबकि, पूर्व में क्षेत्रवासी कई बार आवारा गोवंशों के संरक्षण की मांग उठा चुके हैं। यही नहीं, आवारा गोवंश यातायात व्यवस्था में भी बाधा बन रहे हैं। कई बार गोवंश राह चलते लोगों पर हमला कर उन्हें घायल भी कर देते हैं। गोवंशों का बेहतर संरक्षण हो इसके लिए निगम को गंभीरता से कार्य करना होगा।

कोटद्वार नगर निगम गो संरक्षण को लेकर पूरी तरह लापरवाह रवैया अपनाए हुए है। पूर्व में कई मर्तबा निगम प्रशासन के इस संबंध में नोटिस जारी किए जा चुके हैं। लेकिन, कोई सुधार नहीं हो रहा। निगम गोवंश संरक्षण अधिनियम की धज्जियां उड़ा रहा है, जो कि गंभीर विषय है। इस संबंध में शासन को निगम के खिलाफ कार्यवाही के लिए लिखा जाएगा। पं.राजेंद्र अणथ्वाल, अध्यक्ष, गो सेवा आयोग

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