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पहाड़ी से गिरकर छह मवेशियों की मौत, 12 गंभीर रूप से घायल

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बागेश्वर। बेसहारा मवेशियों से परेशान लोग अब खतरनाक कदम उठाने लगे हैं। ऐसा ही मामला सामने आया बागेश्?वर जिले के कपकोट ब्लाक के चीराबगड़ क्षेत्र में। कुछ लोगों ने नगर पंचायत क्षेत्र के 18 मवेशियों को कालापानी गधेरे के पास छोड़ दिया, जहां एक तीव्र पहाड़ ढलान से गिरकर छह मवेशियों की मौत हो गई। जबकि 12 मवेशी गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम ने रेसक्यू अभियान चलाया। सरकार ने भले ही गोवंशीय संरक्षण अधिनियम बनाए हुए हैं, लेकिन इसका असर कम ही दिख रहा है। कपकोट ब्लाक में तो कुछ लोगों ने नगर पंचायत क्षेत्र से बेसहारा मवेशियों को तीन किमी दूर जंगल के पास छोड़ दिया। वहां मवेशी संकरे रास्ते से कालापानी गधेरा पार करते समय तीव्र पहाड़ी ढलान में फंस गए। लौटने के प्रयास में छह मवेशियों की ढलान में गिरकर मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम बमुश्किल नौ मवेशियों को रेसक्यू कर सकी। तीन अभी भी तीव्र पहाड़ी ढलान में ही फंसे हैं। मवेशियों को काफी चोट भी लगी है। घटना के बाद पशु चिकित्सक को भी जानकारी दे दी गई है। उनके पहुंचते ही घायल मवेशियों का इलाज किया जाएगा। एसडीआरएफ की टीम में लीडर हृदयेश ङ्क्षसह, शेखर नगरकोटी, सोहन चौबे, गिरजेश जोशी, टीका कार्की मौजूद थे। कपकोट के प्रभारी एसडीएम राकेश चंद्र तिवारी ने बताया कि मामला गंभीर है। पूरे प्रकरण की जांच की जाएगी। अगर पशु क्रूरता के मामले में कोई भी दोषी पाया गया तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
बसहारा मवेशियों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार को रोकने में शासन-प्रशासन पूरी तरह असफल दिखाई दे रहा है। प्रशासन को तो इतनी बड़ी घटना की जानकारी ही नहीं। लंबे समय से नगर पंचायत में रहने वाले लोग बेसहारा मवेशियों को गौ सदन भेजने की मांग कर रहे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष गोङ्क्षवद कपकोटी ने कहा कि अभी भी नगर पंचायत क्षेत्र में 20 से अधिक बेसहारा मवेशी हैं।

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