भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम लागू; सीजफायर के बाद पीएम ने की उच्चस्तरीय बैठक

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नई दिल्ली । भारत पाकिस्तान के बीच जारी संघर्ष का आज चौथा दिन है। पाकिस्तान ने शुक्रवार को रात गहराते ही जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान से गुजरात तक के 26 इलाकों में फिर ड्रोन से हमला बोला। इसे भारतीय सैन्य बलों ने नाकाम कर दिया। पाकिस्तान बैकफुट पर आया। भारत ने शाम पांच बजे से संघर्षविराम का एलान किया। इसके बाद पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री, सीडीएस और सेनाध्यक्षों के साथ रात करीब 8 बजे बैठक की। पढ़ें पल पल के अपडेट…
सीजफायर के बाद पीएम मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक की
प्रधानमंत्री आवास (एलकेएम) पर आयोजित इस बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहे।
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद देना चाहूंगी और इसके साथ ही मैं अपने देश के नेतृत्व और पाकिस्तान को भी बधाई देना चाहूंगी। दोनों देश संघर्ष विराम पर सहमत हुए। क्योंकि जब हमारे देश और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है तो सबसे ज्यादा नुकसान जम्मू-कश्मीर के लोगों को होता है। उन्होंने कहा कि इतने सारे लोग मारे गए और संपत्तियों को नुकसान पहुंचा, ऐसे समय में यह हुआ है। इतने दिनों के बाद आज लोग चैन की नींद सोएंगे। सैन्य समाधान कोई समाधान नहीं है, राजनीतिक हस्तक्षेप की हमेशा ज़रूरत होती है। हमें मध्यस्थ की ज़रूरत नहीं होनी चाहिए। हमारे देश को सभी देशों का बड़ा भाई बनना चाहिए और मुद्दों को सुलझाना चाहिए। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ट्वीट किया कि भारत और पाकिस्तान के नेताओं के कठिन परिश्रम और इस संघर्ष विराम में शामिल होने की इच्छा के लिए मैं उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूं।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि संघर्ष विराम स्वागत योग्य है। दोनों देशों के बीच जो वैमन्यसता पैदा हुई है, वह इसलिए है क्योंकि पाकिस्तान खुलेआम आतंकवादियों को पनाह देता है। हम पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से अपील करना चाहेंगे कि वे आतंकवादियों को पनाह देना बंद करें क्योंकि अगर आप आतंकवाद को जन्म देंगे तो वही होगा जो अभी हुआ है। मैं भारतीय सेना और खुफिया तंत्र को बधाई देना चाहूंगा जिसने आतंकवादी ट्रेनिंग केंद्र की पहचान की और वहां सीधा हमला किया। भारतीय सेना ने नागरिक क्षेत्रों को निशाना नहीं बनाया बल्कि केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, इसके लिए उन्हें बधाई।
संघर्ष विराम के बाद पाकिस्तान ने भारत के लिए अपना एयर स्पेस खोला। पाकिस्तान ने हवाई क्षेत्र पर लगे प्रतिबंध को हटा लिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि युद्ध विराम की कोई पूर्व या पश्चात शर्त नहीं है। यह आह्वान पाकिस्तान की ओर से किया गया था। सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसने अपने जे एफ 17 से हमारे एस 400 और ब्रह्मोस मिसाइल बेस को नुकसान पहुंचाया है, जो पूरी तरह से गलत है। दूसरे, उसने यह भी गलत सूचना अभियान चलाया कि सिरसा, जम्मू, पठानकोट, भटिंडा, नलिया और भुज में हमारे एयरबेस को नुकसान पहुंचाया गया है और उसकी यह गलत सूचना भी पूरी तरह से गलत है। तीसरा पाकिस्तान के गलत सूचना अभियान के अनुसार, चंडीगढ़ और व्यास में हमारे गोला-बारूद डिपो को नुकसान पहुंचाया गया है, जो भी पूरी तरह से गलत है। पाकिस्तान ने झूठे आरोप लगाए कि भारतीय सेना ने मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया। मैं यह स्पष्ट करना चाहती हूं कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और हमारी सेना भारत के संवैधानिक मूल्यों का एक बहुत ही सुंदर झलक है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया। सेना ने उसके एयरबेस को नुकसान पहुंचाया। उसके एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह किया। भारतीय सेना सतर्क है, तैयार है और भारत की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए तत्पर है।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि भारतीय सेना पूरी तरह से सतर्क है। तैयार है। कमोडोर रघु नायर ने कहा कि जैसा कि विदेश सचिव ने कहा था, समुद्र, हवा और ज़मीन पर सभी सैन्य गतिविधियों को रोकने के लिए एक सहमति बन गई है। भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना को इस सहमति का पालन करने का निर्देश दिया गया है।
रक्षा मंत्रालय की प्रेसवार्ता में कॉमेडोर रघु नायर ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम हो गया है। कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान ने कई झूठ बोले हैं। पाकिस्तान झूठी खबरें फैला रहा है। उनके वरिष्ठ सेना अधिकारी ने झूठा आरोप लगाया कि भारतीय सेना ने मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया। लेकिन भारतीय सेना ने ऐसा कुछ नहीं किया। सशस्त्र बलों ने सैन्य ठिकानों को नुकसान नहीं पहुंचाया।
कांग्रेस ने की सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि अमेरिका की ओर से किए गए एलान के मद्देनजर अब पहले से कहीं अधिक जरूरत है कि प्रधानमंत्री एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करें और राजनीतिक दलों को विश्वास में लें। संसद का एक विशेष सत्र बुलाएं जिसमें पिछले अठारह दिनों की घटनाओं पर चर्चा हो, जिसमें क्रूर पहलगाम आतंकी हमलों और आगे की रणनीति शामिल हो तथा सामूहिक संकल्प प्रदर्शित हो।

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