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राजनाथ ने दिलाया भरोसा, ड्रैगन से समझौते में कुछ खोया नहीं, चीन भी जान गया हमारा संकल्प

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नई दिल्ली,एजेंसी। पू्र्वी लद्दाख मामले पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि ड्रैगन के साथ हुए समझौते में भारत ने कुछ भी नहीं खोया है। इससे चीन भी भारत का संकल्प जान गया है। उन्होंने कहा कि नर्थ एरिया में भारत अपनी सेना को धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा, जबकि चीन फिंगर 3 एरिया में अपनी सेनाओं को रखेगा। पुरानी स्थिति को जल्दी ही बहाल किया जाएगा। यही स्थिति साउथ पोस्ट पर भी रहेगी। अस्थायी रूप से पेट्रोलिंग भी स्थगित होगी।
राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि पिछले सितंबर महीने से ही भारत और चीन, दोनों ने सैन्य और राजनयिक चौनलों के जरिए से एक दूसरे के साथ बातचीत को जारी रखा। हमारा उद्देश्य एलएसी पर शांति बहाल करने के साथ-साथ यथास्थिति बनाए रखना था।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों ने एकतरफा चीनी कार्रवाई की चुनौतियों का जवाब दिया और पैंगोंग सो के दक्षिण और उत्तर, दोनों किनारों पर वीरता और साहस दिखाया। कई रणनीतिक बिंदुओं की पहचान की गई और हमारे सैनिकों ने हमारे दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण स्थानों पर खुद को तैनात किया है। उन्होंने कहा कि सदन को यह भी जानना चाहिए कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर कुछ अन्य बिंदुओं पर तैनाती और पैट्रोलिंग के संबंध में अभी भी कुछ मुद्दे बकाया हैं।
उन्होंने कहा, श्श्अब तक दोनों तरफ से बख्तरबंद गाड़ियां वापस जा चुकी हैं। इस बातचीत में हमने कुछ भी खोया नहीं है। अब तक की बातचीत के बाद चीन भी हमारे संकल्प से अवगत है। हमें उम्मीद है कि चीन की ओर से सभी बचे हुए मुद्दों को बातचीत के जरिए हल करने का प्रयास किया जाएगा।श्श्
इससे पहले राज्यसभा में राजनाथ सिंह ने कहा था कि बातचीत के लिए हमारी रणनीति पीएम की इस निर्देश पर आधारित है कि हम अपनी एक इंच जमीन भी किसी और को नहीं लेने देंगे। इसी के तहत हमारी बीते साल सितंबर से ही बातचीत चल रही थी। अब तक सीनियर कमांडर्स के स्तर पर 9 राउंड की बातचीत हुई है। सचिव स्तर पर भी बैठकें होती रही हैं। इसके चलते पैंगोंग लेक पर उत्तर और दक्षिणी हिस्से से दोनों की सेनाएं हट रही हैं।
राज्यसभा में सिंह ने कहा था कि भारत ने चीन को हमेशा यह कहा है कि द्विपक्षीय संबंध दोनों पक्षों के प्रयास से ही विकसित हो सकते हैं और सीमा के प्रश्न को भी बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, श्श्हम अपनी एक इंच जमीन भी किसी और को नहीं लेने देंगे। हमारे दृढ़ संकल्प का ही फल है कि हम समझौते की स्थिति पर पहुंच गए हैं।श्श् रक्षा मंत्री ने कहा कि विभिन्न स्तरों पर चीन के साथ हुई वार्ता के दौरान भारत ने चीन को बताया कि वह तीन सिद्घांतों के आधार पर इस समस्या का समाधान चाहता है।
उन्होंने कहा कि पहला, दोनों पक्षों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को माना जाए और उसका सम्मान किया जाए। दूसरा, किसी भी पक्ष द्वारा यथास्थिति को बदलने का एकतरफा प्रयास नहीं किया जाए। तीसरा, सभी समझौतों का दोनों पक्षों द्वारा पूर्ण रूप से पालन किया जाए।

पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे से भारत-चीन ने पीछे किए टैंक
नई दिल्ली, एजेंसी। लद्दाख के विवादित इलाके से चीनी सेना के पीछे हटने की पहली तस्वीर सामने आई है। भारतीय सेना ने वीडियो जारी किया है। जिसमें चीन के टैंक फिंगर 8 की ओर लौट रहे हैं। भारतीय सेना भी अपनी पोस्ट पर लौट रही है। 24 जनवरी को दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच बातचीत में सहमति बनी थी।
बता दें कि बुधवार को पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले भारत और चीन की सेना के लोकल कमांडर्स की मीटिंग हुई। जिसके बाद पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे से दोनों देशों ने अपने टैंकों को पीटे करना शुरू किया। प्रक्रिया की जांच भारत और चीन की सेना मिलकर कर रही हैं। हर दिन दो बार लोकल कमांडर्स मिल रहे हैं।
बता दें कि दोनों देशों ने दक्षिणी किनारे पर बड़ी संख्या में टैंकों की तैनाती की थी। बुधवार को टैंकों के साथ ही कम्बेट वाहनों को भी पीटे हटाना शुरू किया गया। टैंक अभी एक तय दूरी तक पीछे कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि हर कदम का दोनों देश संयुक्त जांच भी कर रहे हैं। इसमें फिजिकल जांच के साथ ही इलेक्ट्रनिक वेरिफिकेशन भी होगा। इसके लिए सैटलाइट इमेज के साथ ही ड्रोन का इस्तेमाल भी किया जाएगा।

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