राज्य स्थापना दिवस पर बोली यूकेडी, निजी हितों के लिए की उत्तराखण्ड की धरोहर व सम्पदाओं की लूट
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। सोमवार को राज्य स्थापना दिवस पर उत्तराखण्ड क्रांति दल कोटद्वार महानगर इकाई ने तहसील परिसर में जिला विकास प्राधिकरण, कोटद्वार नगर निगम द्वारा नगर वासियों पर थोपे गए समस्त करों के विरोध व उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों के लिए स्पष्ट नीति बनाने की मांग को लेकर धरना दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस मौके पर 20 वर्षों में उत्तराखण्ड ने क्या पाया क्या खोया विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखण्ड की तमाम सरकारों ने उत्तराखण्ड की धरोहर व सम्पदाओं का विदोहन एवं लूट निजी हितों के लिए की। राज्य बनने के बाद 20 वर्षों में उत्तराखण्ड वासियों की दुर्दशा और भी गंभीर हो गई है।
यूकेडी के केन्द्रीय महामंत्री महेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने उक्त मांगों को लेकर धरना दिया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि राज्य बनने के 20 वर्षों में उत्तराखण्ड के विकास, मूल निवास, जमीनों की खुर्द-बुर्द, पलायन, बेरोजगारी, वन एवं वन जन्तु अधिनियम, शिक्षा स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई भी प्रगति नहीं हुई है। उत्तराखण्ड का दुर्भाग्य है कि जिस भी राष्ट्रीय दल की सरकार आई उसका मुखिया कुर्सी बचाने पर ही लगा रहा, जिस कारण उत्तराखण्ड के बीस वर्षों में 9 मुख्यमंत्री बनें। यूकेडी के केन्द्रीय महामंत्री महेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि यूकेडी ने निर्णय लिया है कि जिस प्रकार उत्तराखण्ड प्राप्ति के लिए आंदोलन किया गया था पुन: उसी प्रकार का आंदोलन किया जाएगा, क्योंकि यूकेडी की वरीयता एवं प्राथमिकता शहीदों के सपनों का उत्तराखण्ड बनाना है। इस अवसर पर उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों के लिए स्पष्ट नीति बनाने सहित तीन सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन भेजा है। धरना देने वालों में भगवती प्रसाद कण्डवाल, महेन्द्र सिंह रावत, पितृशरण जोशी, भूपाल सिंह रावत, गुलाब सिंह रावत, हयात सिंह गुसांई, संजू कश्यप, पुष्कर सिंह रावत, पंकज भट्ट, मनोहर सिंह नेगी, सुनील बलूनी, बलवंत सिंह रावत, राजेश्वरी रावत, भागीरथी रावत, कृष्णा काला, मनमोहन सिंह नेगी, आनन्द सिंह, हरीश मोहन बहुखण्डी, दलवीर सिंह, राजीव रावत, शैलेर्श ंसह रावत, विनोद सिंह, विनय भट्ट, यतेन्द्र भट्ट आदि शामिल थे।