Uncategorized

सेलाकुई में साढ़े 5घंटे की बिजली कटौती से दिक्कत

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

विकासनगर। औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई सहित आसपास के करीब एक दर्जन गांवों में मंगलवार सुबह चार बजे से लेकर साढ़े नौ बजे तक बिजली गुल रही। बिजली गुल रहने के कारण सुबह के समय जलापूर्ति भी पूरी तरह से ठप रही। जिससे बिजली के साथ साथ लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ा। लोगों को हैंडपंप आदि से जलापूर्ति करनी पड़ी। उधर औद्योगिक क्षेत्र में भी आपूर्ति ठप रहने से कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई सहित आसपास के क्षेत्र निगम रोड, हरपुर, बांयखाला, प्रगति बिहार, जमनपुर के अलावा ग्रामीण इलाकों राजावाला, तेलपुर, भाऊवाला, बड़ोवाला, भगवानपुर, धानवाला आदि गांवों में सुबह चार बजे से लेकर साढ़े नौ बजे तक बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप रही। क्षेत्र में नलकूपों और ओवरहेड टैंकों के जरिये जलापूर्ति सुबह पांच बजे से लेकर आठ बजे तक होती है। ऐसे में बिजली गुल रहने के कारण नलकूप, ओवर हेड टैंकों से जलापूर्ति नहीं हो पायी। जिससे लोग बिजली के साथ साथ पानी के लिए भी तरसते रहे। सुबह के समय लोगों को घरों में हाथ मुंह, धुलने तक के लिए पानी नहीं मिला। कड़ाकें की ठंड के मौसम में बिजली पानी की कटौती से से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पूर्व प्रधान भगत सिंह राठौर, अनिल नौटियाल, रीता शर्मा, आकिल अहमद, इकबाल, सुमन बडोला, तूलाराम जोशी आदि का कहना है कि ऊर्जा निगम की लापरवाही के चलते आये दिन बिजली गुल रहने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सुबह शाम बिजली गुल रहने से लोगों को पानी के संकट का भी सामना करना पड़ता है। ऊर्जा निगम के एसडीओ मो. उस्मान का कहना है कि झाझरा के पास लाइन पर पेड़ टूटने के कारण लाइन टूट गयी। जिससे बिजली की आपूर्ति बंद हुई। कहा कि साढे नौ बजे तक वैकल्पिक लाइन ढकरानी पावर हाउस से आपूर्ति सुचारु कर दी गयी।
दिनभर चलती रही बिजली की आंख मिचौनी: ऊर्जा निगम ने साढ़े नौ बजे वैकल्पिक लाइन से बिजली आपूर्ति शुरू तो कर दी। लेकिन दिनभर बिजली की आंख मिचौनी चलती रही। पौने दस बजे से दस बजे तक बिजली गुल रही। उसके बाद साढे ग्यारह बजे से लेकर बारह बजे तक बिजली गुल रही। तीन बजे से लेकर साढे तीन बजे तक भी बिजली गुल रही।
श्रमिकों को हुई दिक्कत: विभिन्न कंपनियों में बीस हजार से अधिक श्रमिक काम करते हैं। श्रमिकों की ड्यूटी सुबह आठ बजे से शुरू हो जाती है। श्रमिक सुबह उठकर नहाने धोने के साथ ही अपना लंच बॉक्स भी तैयार करके साथ ले जाते हैं। लेकिन सुबह के समय घरों में जलापूर्ति बंद रहने के कारण श्रमिकों को खाने पीने तक के लिए पानी नहीं मिला। अधिकांश लोग बिना लंच बॉक्स और नाश्ते के ही ड्यूटी निकलना पड़ा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!