उत्तराखंड

केदारनाथ यात्रा मार्ग पर संचालित घोड़े खच्चरों को लेकर व्यापक जानकारी ली

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यात्रा हेतु एक दिन में चलेंगे 5 हजार घोड़े खच्चर
रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग जिले के दौरे पर आए पशुपालन, दुग्ध एवं गन्ना विकास मंत्री सौरभ बहुगणा ने केदारनाथ यात्रा में हो रही घोड़े-खच्चरों की मौत को गंभीरता से लेते हुए बेहतर प्रंबंधन और कई नए फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्ग में 20 लोगों की टीम तैनात रहेगी जो घोड़े-खच्चरों पर निगरानी रखेगी साथ ही सस्ते दामों पर यहां दाना, चारा और जरूरी चीजें रखी जाएंगी ताकि उन्हें पर्याप्त आराम और भोजन उपलब्ध कराया जा सके। मुख्यालय स्थित जीएमवीएन के रुद्रा काम्पलैक्स में अफसरों की बैठक लेते हुए पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े खच्चरों को लेकर व्यापक जानकारी ली। कहा कि यात्रा के बेहतर संचालन के लिए घोड़े-खच्चरों के स्वास्थ का विशेष ध्यान रखा जाए। यदि कोई घोड़ा खच्चर कमजोर एवं अनफिट है तो उसका यात्रा मार्ग में संचालन न कराया जाए। मंत्री ने जिलाधिकारी एवं संबधित अफसरों को निर्देश दिए कि मार्ग में घोड़े-खच्चरों के लिए पीने के पानी, पशुचरहियां में साफ-सफाई, गर्म पानी, चारे की समुचित व्यवस्था की जाए। ताकि घोड़े-खच्चरों की हो रही मृत्यु को कम किया जा सके। उन्होनें कहा कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में करीब दस हजार घोड़े-खच्चर हैं जिसमें आठ हजार पांच सौ का ही रजिस्ट्रेशन किया गया है। इसमें एक दिन में पचास फीसदी घोडे खच्चरों का ही संचालन किया जाए। एक दिन उन्हें अनिवार्य रुप से आराम दिया जाए। उन्होंने जिलाधिकारी मयूर दीक्षित को निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग में एक फोर्स तैनात की जाए जिसमें 20 लोग शामिल हों। यह टीम यात्रा मार्ग में संचालित घोड़े-खच्चरों को उनके मालिकों एवं हकरों द्वारा समय-समय पर दाना-चारा-पानी उपलब्ध कराने, स्वास्थ्य की देखभाल आदि पर नजर रखेगी। इसके साथ ही उन्होने पांच सदस्यों की टीम भी गठित करने के निर्देश दिए जिसमें पशु चिकित्सक, पुलिस, जिला पंचायत एवं जिला प्रशासन के लोग शामिल होगें, जो यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों की निगरानी करते हुए जांच करेंगे। जांच में जो भी घोड़ा खच्चर कमजोर पाया जाता है तो उसका संचालन रोका जाए। साथ ही यात्रा मार्ग में घोडे खच्चर की मृत्यु होती है और रिर्पोट में मृत्यु का कारण उचित दाना-पानी न मिलना पाया गया तो खच्चर मालिक एवं हकर के विरुद्घ एफआईआर दर्ज की जाए। जबकि घोड़े-खच्चर के बीमें का पैसा भी रोक दिया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि कमजोर घोडे खच्चरों के लिये उचित दाने एवं चारे की व्यवस्था पशुपालन विभाग द्वारा कराई जाएगी। जिसके लिए धनराशि उन्हें उपलब्ध कराई जाएगी।

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