कोटद्वार- दुगड्डा के मध्य संभलकर करें सफर, हादसों को न्योता दे रहे डेंजर जोन
कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने हैं पांच से अधिक डेंजर जोन
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य का सफर कब यात्रियों की जिंदगी पर भारी पड़ जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता। हालत यह है पंद्रह किलोमीटर के इस सफर में पांच से अधिक डेंजर जोन बने हुए हैं। कई स्थानों पर पहाड़ी से बोल्डर लुढ़कने की स्थिति बनी हुई है। लगातार हो रही दुर्घटनाओं के बाद भी सिस्टम राष्ट्रीय राजमार्ग मरम्मत की सुध नहीं ले रहा।
मैदान से पहाड़ को जोड़ने वाले नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग कोटद्वार-दुगड्डा के मध्य हर रोज सैकड़ों वाहन आवाजही करते हैं। लेकिन, वर्तमान में उक्त राष्ट्रीय राजमार्ग बदहाल स्थिति में पड़ा हुआ है। बरसात के दौरान बने पांच से अधिक डेंजर जोन की विभाग ने सुध तक नहीं ली। नतीजा, यह डेंजर जोन कब यात्रियों की जिंदगी पर भारी पड़ जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता। यही नहीं, दुर्गा मंदिर से आधा किलोमीटर पहले बने डेंजर जोन से लगातार बोल्डर गिरने का दौर जारी है। पहाड़ी से गिर रहे पत्थर कई बार चारपहिया वाहनों को क्षतिग्रस्त कर चुके हैं। ऐसे में सबसे अधिक चिंता दोपहिया वाहन चालकों को बनी रहती है। करीब एक वर्ष पूर्व करोड़ों की लागत से हाईवे पर करवाया गया डामर भी पूरी तरह गायब हो चुका हैं।
इन स्थानों पर है डेंजर जोन
कोटद्वार से दुगड्डा 15 किलोमीटर के सफर में पहला डेंजर जोन सिद्धबली के समीप पुलिया से चंद कदम की दूर पर बना है। इसके उपरांत लालपुल से करीब एक किलोमीटर आगे भी डेंजर बना बना हुआ है। पांचवे मील के समीप भी राष्ट्रीय राजमार्ग का कुछ हिस्सा बरसात के बाद से गायब पड़ा हुआ है। आमसौड़ से करीब दो किलोमीटर पहले सबसे बड़ा डेंजर जोन है। जहां पहाड़ी से बोल्डर गिरने का खतरा रहता है और नीचे गड्ढों के बीच से वाहन गुजरते हैं। यही स्थिति दुर्गामंदिर से आधा किलोमीटर पहले भी बनी हुई है। कुछ दिन पूर्व गड्ढे की चपेट में आने से एक दोपहिया वाहन चालक भी घायल हो गया था।
राष्ट्रीय राजमार्ग की स्थिति को सुधारने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। डामरीकरण व डेंजर जोन मरम्मत के लिए शासन को पत्र भेजा गया है। बजट मिलते ही मरम्मत कार्य शुरू करवा दिया जाएगा….अरविंद जोशी, अपर सहायक अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग