कोटद्वार-पौड़ी

गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल केंद्र ने मनाया शताब्दी समारोह, शहीदों को दी श्रद्धांजलि

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल केन्द्र लैंसडाउन की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर भव्य शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया। जिसमे गढ़वाल राइफल्स एवं गढ़वाल स्काउट्स के कर्नल ऑफ़ दि रेजिमेंट लेफ्टिनेंट जनरल सवनीत सिंह वाईएसएम.एसएमवीएसएम केन्द्र समादेशक ब्रिगेडियर हरमीत सेठी, गढ़वाल राइफल्स की सभी यूनिटों के कमान अधिकारी एवं सूबेदार मेजर तथा गढ़वाल राइफल्स के सेवानिवृत्त सैनिक एवं वीर नारियां शामिल हुई। इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल युगेन्द्र डिमरी एवीएसएम. वीएसएम जनरल ऑफिसर कमांिडंग-इन-चीफ, मध्य कमान ने गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल केन्द्र को शुभकामनायें दी और केन्द्र द्वारा सैनिकों के प्रशिक्षण और कल्याण के लिए चलाई गयी योजनाओं की सराहना की।
बीते13 सितम्बर को “अल्मोडा से लैंसडाउन के लिए पैदल यात्रा को हरी झंडी दिखाने के साथ इस समारोह की शुरूआत हुई इस पद यात्रा मेंं गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट की विभिन्न यूनिंटों से 1 अधिकारी, 2 सरदार और 27 जवानों ने भाग लिया इस पदयात्रा का उद्देश्य रेजिमेंट की प्रथम बटालियन द्वारा वर्ष में अल्मोडा़ से लैंसडाउन आने के ऐतिहासिक क्षणों को फिर से दोहराना है। लेफ्टिनेंट कर्नल इपी मेंवरिंग के नेतृत्व में गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट अल्मोड़ा से अनिश्चित एवं दुर्गम रास्ते को तय करते हुए 4 नवम्बर 1887 को लैंसडाउन पहुुँची थी इन्ही गौरवशाली क्षणों की सांकेतिक पुनरावृत्ति को अंजाम देते हुए सैन्यदल ने 13 सितम्बर 2021 को अल्मोड़ा के ऐतिहासिक ऑफिसर मेस से अपनी यात्रा शुरू की और 30 सितम्बर 2021 को गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल केंद्र, लैंसडाउन पहुुँचे इस पदयात्रा सैन्यदल का रेजिमेंटल पाईप बैंड की शानदार देशभक्ति से ओतप्रोत संगीत धुनों से भव्य स्वागत किया गया और इस दल के स्वागत में नायक भवानी दत्त जोशी अशोक चक्र परेड ग्राउंड को आने वाला मार्ग दोनोंं ओर से गढ़वाली सैनिकों द्वारा जोश पूर्ण जयघोष के नारों से गूंज उठा। लेफ्टिनेंट जनरल सवनीत सिंह वाईएसएम. वीएसएम, कर्नल ऑफ़ दि रेजिमेंट ने पदयात्रा सैन्यदल को पुरष्कृत कर सम्मानित किया।
शुक्रवार के महत्वपूर्ण दिन की शुरुआत युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पण से की गयी। पुष्पांजलि अर्पित करने वालों में आर्मी कमांडर, मध्य कमान और गढ़वाल राइफल्स एवं गढ़वाल स्काउट्स के कर्नल ऑफ़ दि रेजिमेंट प्रमुख थे युद्ध स्मारक के साथ स्थित शौर्य कुटीर जिन पर मात्र भूमि की सेवा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले रेजिमेंट के सभी वीरों के नाम अंकित हैं उन शौर्य कुटीरों को अपने जीवन के सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों की स्मृत्ति में फूलों से सुशोभित किये गये।
इस अवसर पर रेजिमेंट के द्वारा देश के अंदर तथा विदेशी भूमि पर, विभिन्न युद्ध क्षेत्रों में रेजिमेंट की गौरवशाली और शानदार उपलब्धियों का स्मरण किया गया। स्वतंत्रता के बाद के विभिन्न युद्धों में र्शांत अभियानों और आपदा प्रबंधन में रेजिमेंट और केंद्र के योगदान को रंगरूटों के सम्मुख प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया। पिछले 100 वर्षों की शानदार उपलब्धियों के लिये कर्नल ऑफ़ दि रेजिमेंट ने केंद्र की सराहना की बीते वर्षों में गढ़वाल रेजिमेंटल केन्द्र को प्रकृति के संरक्षण और रंगरूटों के प्रशिक्षण में योगदान के लिये कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
यह समारोह गढ़वाल राइफल्स की पुरानी और नई पीढ़ियों के मध्य विचार विनिमय करने का उपयुक्त अवसर साबित हुआ है। भूतपूर्व सैनिकों और गौरव सैनानियों द्वारा अपने सामरिक और प्रशानिक सैन्य अनुभव रंगरूटों के साथ साझा किये जो उन्हे सीखने और वर्तमान परिदृश्य में बेहतरीन उदाहरण पेश करने में मदद करेगें। यह आयोजन रेजिमेंट के गौरवशाली अतीत को याद करने और उससे पे्ररणा लेने तथा वर्तमान पीढ़ी को भविष्य में और अधिक ऊंचाइयों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करने में सफल रहा।

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