उत्तराखंड

सरकार की ठेकेदार विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी

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रुद्रप्रयाग। लोक निर्माण विभाग ऊखीमठ के ठेकेदार संघ की बैठक में ठेकेदारों की कई समस्याओं पर चर्चा की गई साथ ही सरकार की ठेकेदार विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी गई। शुक्रवार को आयोजित बैठक कुलदीप सिंह कंडारी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस मौके पर राजकीय ठेकेदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष शत्रुघन सिंह नेगी ने मुख्य वक्ता के रूप में प्रतिभाग किया। ठेकेदारों को संबोधित करते हुए नेगी ने कहा कि प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस की सरकारों ने पहाड़ के छोटे एवं मझोले ठेकेदारों के हितों पर कुठाराघात किया है। बाहरी प्रदेशों की कंपनियों, ठेकेदारों को काम दिया जा रहा है जबकि यहां के ठेकेदारों के लिए कई असंगत निर्णय लिए हैं। जीएसटी हो चाहे रयल्टी, अनलाइन ठेकेदारी पंजीकरण या नवीकरण हो, इसमें काफी जटिल प्रक्रिया कर दी है। स्थानीय ठेकेदार बेरोजगारी के कगार पर हैं। जबकि बाहरी कंपनियां और ठेकेदार पहाड़ों में आधा अधूरा और गुणवत्ता विहीन काम करके अपना पूरा भुगतान करवा कर भाग रहे हैं, बावजूद छोटे ठेकेदारों को काम नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पूर्व कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा था कि बड़ी निविदाओं और बड़े कामों को छोटा कर दिया जाएगा ताकि स्थानीय ठेकेदारों को भी काम मिलता रहे किंतु सरकार के गठन के लम्बे समय बाद भी अभी तक कुछ नहीं हुआ है। जीएसटी, रयल्टी, पंजीकरण सहित अनेक समस्याओं का आज तक समाधान नहीं हुआ है। जिससे समस्त ठेकेदार निविदाओं एवं कार्यों का बहिष्कार करने को मजबूर हैं। कहा कि प्रदेश में करीब 10,000 पंजीत ठेकेदार हैं जो विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहे हैं। कहा कि अब शीघ्र आवश्यक प्रांतीय बैठक बुलाई जाएगी जिसमें पूरे प्रदेश के ठेकेदारों की समस्याओं के निराकरण के लिए व्यापक आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। अपने हकों के लिए पूरे प्रदेश के कार्य बहिष्कार सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिससे सरकार ठेकेदारों की मांगों को मानने के लिए बाध्य होगी। बैठक का संचालन राजेंद्र भंडारी ने किया। इस मौके पर विनोद कप्रवाण, कुंवर सिंह नेगी सहित कई ठेकेदार मौजूद थे।

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