देश-विदेश

संसद का शीतकालीन सत्र : सांसदों के निलंबन को

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

लेकर विपक्ष के तेवर तीखे, नहीं चली राज्यसभा
नई दिल्ली, एजेंसी। सोनिया गांधी के आवास पर मंगलवार को विपक्षी दिग्गजों के साथ हुई बैठक के बाद विपक्ष ने अपने तेवर और आक्रामक कर दिए हैं। राज्यसभा के 12 विपक्षी सदस्यों के निलंबन मामले में विपक्षी दलों ने बिना शर्त निलंबन वापसी की मांग से पीटे हटने से इन्कार करते हुए बुधवार को जबरदस्त हंगामा कर राज्यसभा की कार्यवाही नहीं चलने दी। इस मुद्दे पर टकराव बढ़ने पर एक बार फिर अनौपचारिक बातचीत से गतिरोध का हल निकालने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों ने अपने 12 सदस्यों के निलंबन को गैरकानूनी बताते हुए सदन में इनकी तत्काल वापसी की मांग शुरू कर दी और हंगामा करते हुए वेल में आ गए। सभापति वेंकैया नायडू ने विपक्षी सदस्यों के तेवर देख सदन 12 बजे तक स्थगित कर दिया। सदन दोबारा शुरू हुआ तो सांसदों के निलंबन को लेकर आनंद शर्मा के दिए नोटिस को सभापति की ओर से नामंजूर करने की उपसभापति ने घोषणा की। उपसभापति हरिवंश ने जानकारी दी कि नोटिस सही प्रारूप में नहीं है। सूत्रों की मानी जाए तो विपक्ष को यह भी बताया गया कि बिना माफी के निलंबन वापसी नहीं हो सकती।
पोस्टर और प्लेकार्ड लिए विपक्षी सदस्यों के निलंबन के खिलाफ तेवरों को देखते हुए उपसभापति ने सदन दो बजे तक स्थगित कर दिया। इसके बाद जब कार्यवाही फिर शुरू हुई तब भी विपक्ष ने अपनी मांग नहीं छोड़ी। इस बीच कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रान से जुड़े मुद्दे पर उपसभापति ने बहस शुरू करने की घोषणा की तो विपक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की अनुपस्थिति का मुद्दा उठाया। हंगामा थमते न देख सदन 15 मिनट स्थगित हुआ और फिर सभापति ने कोरोना से जुड़े विषय पर चर्चा शुरू करा दी। भाजपा के कुछ सदस्यों ने हंगामे के बीच अपनी बात रखी भी मगर वेल में विपक्षी सदस्यों के जोरदार हंगामे को देखते हुए सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया।
विपक्षी सांसदों के निलंबन वापसी समेत सदन में संयुक्त रणनीति के लिए सोनिया गांधी ने मंगलवार को शरद पवार, सीताराम येचुरी, फारूक अब्दुल्ला, संजय राउत, टीआर बालू आदि वरिष्ठ विपक्षी खेमे के नेताओं की बैठक बुलाई थी। इसमें विपक्ष को आक्रामक तरीका अपनाने के साथ ही गतिरोध दूर करने के लिए वार्ता की पहल को लेकर भी सहमति बनी थी।समझा जाता है कि शरद पवार और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सभापति नायडू से निलंबन वापसी का रास्ता निकालने के लिए अनौपचारिक स्तर पर संवाद का प्रयास कर रहे हैं। विपक्षी सदस्यों ने मंगलवार को संसद परिसर से विजय चौक तक विरोध मार्च किया था जिसमें दोनों सदनों में विपक्ष के लगभग सभी सांसद शामिल हुए थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!