उत्तराखंड

युग पुरूष थे ब्रह्मलीन स्वामी डा़श्यामसुंदरदास शास्त्री: स्वामी रविदेव शास्त्री

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हरिद्वार। श्री साधु गरीब दासी धर्मशाला सेवा आश्रम में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर डा़श्यामसुंदर दास शास्त्री महाराज का स्मृति दिवस मनाया गया। इस अवसर पर संत समाज ने उन्हें श्रद्घा सुमन अर्पित कर महान संत बताया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए युवा भारत साधु समाज के महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन स्वामी डा़श्यामसुंदर दास शास्त्री महाराज एक युगपुरुष थे। जिन्होंने जीवन पर्यंत सनातन धर्म और भारतीय संस्ति के प्रचार प्रसार के लिए योगदान प्रदान किया और गरीब दासी संस्त महाविद्यालय की स्थापना कर युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाने पर जोर दिया। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। महंत सुतिक्ष्ण मुनि महाराज ने कहा कि महापुरुषों का जीवन समाज सेवा के लिए समर्पित रहता है और ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर डा़ श्यामसुंदर दास शास्त्री महाराज तो साक्षात प्रेम एवं करुणा की मूर्ति थे। जिनका सादा जीवन सभी को अपनी और आकर्षित करता है। उनके आदर्शवादी जीवन से प्रेरणा लेकर युवा संतो को समाज कल्याण में अपना योगदान देना चाहिए। उनके पा पात्र शिष्य स्वामी हरिहरानंद एवं स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज उनके आदर्शो को अपनाकर संत समाज की सेवा करते हुए उनके द्वारा प्रारंभ किए गए सेवा प्रकल्प में निरंतर बढ़ोतरी कर रहे हैं। ऐसे महापुरुषों को संत समाज नमन करता है। डा़पदम प्रसाद सुवेदी ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। ब्रह्मलीन डा़श्यामसुंदर दास शास्त्री महाराज एक युग प्रवर्तक थे। जिन्होंने समाज से जात पात ऊंच नीच का भेदभाव मिटाकर राष्ट्रीय एकता अखंडता बनाए रखने में जीवन समर्पित किया। उनके द्वारा समाज हित में किए गए कार्य समाज के लिए आज भी प्रेरणा का स्रोत है। महंत सूरज दास महाराज ने कहा कि परोपकार को समर्पित रहने वाले संत महापुरुष अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। ब्रह्मलीन डा़स्वामी श्यामसुंदर दास शास्त्री महाराज एक विद्वान एवं तपस्वी संत थे। जिन्होंने सभी को धर्म के संरक्षण संवर्धन के साथ-साथ गौ सेवा एवं गंगा स्वच्छता का संदेश भी दिया। उनके जैसे महापुरुषों द्वारा दिया गया संदेश अनंत काल तक समाज का मार्गदर्शन करता रहेगा। इस अवसर पर महंत निर्मल दास, महंत अरुण दास, महंत शिवानंद, महंत लोकेश दास, महंत श्रवण मुनि, स्वामी रामजी, स्वामी दिनेश दास, महंत गुरमीत सिंह, श्याम प्रकाश, समाजसेवी संजय वर्मा सहित श्रद्घालु भक्त मौजूद रहे।

 

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