8 सदस्य जापानी ग्रुप पहली बार घोड़े से पहुंचे सतोपंथ
चमोली। समुद्रतल से 4600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सतोपंथ झील तक 8 सदस्य जापानी दल घोड़े खच्चरों के साथ पहली बार पंहुचा है। बता दें कि आज से पहले कभी भी कोई दल यहां घोड़े खच्चर लेकर नहीं पहुंच पाया है। सतोपंथ का ट्रैक आज से पूर्व पर्यटकों द्वारा सदैव ही पैदल ट्रैकिंग कर पूरा किया जाता रहा है। सतपोपंथ झील जहां ट्रैकरों के आकर्षण के केंद्र है तो वहीं इस झील की अपनी विशेष धार्मिक मान्याता है। माना जाता है कि तीन कोने वाली इस झील के एक कोण में ब्रहमा, दूसरे में विष्णू व तीसरे में शिव विराजमान होते हैं। मान्यतानुसार एकादशी को तीनों देवता एक साथ इस झील में स्नान करते हैं। जापानी घुमक्कडों की पसन्दीदा ट्रैकिंग स्पाट में सुमार सतोपंथ झीत तक पहली बार जापान के 8 पर्यटक यहां पहुंचें। टीम के साथ पहुंचे ग्रुप लीडर, ग्रांट एडवैंचर जोशीमठ के राजेन्द्र मारतोलिया ने बताया कि यहां पहुंचकर सभी ट्रैकरों ने घंटों तक योग ध्यान किया। उन्होंने बताया कि वे कई वर्षों से पर्यटकों को इस झील तक की सैर के लिए ला रहे हैं। लेकिन जापानी ट्रैकर सदैव ही यहां पहुंचकर घंटों तक ध्यान साधना करते हैं। गाइड दिनेश का कहना है कि कोरोना काल के बाद पहली बार यह आठ सदस्यीय जापानी दल सतोपंथ सरोवर पहुंचा है। दल ने सतोपंथ सरोवर पहुंचकर विश्व जन कल्याण हेतु हवन यज्ञ भी किया। इसमे ये दल बिना पोर्टर के पहली बार खच्चर से सतोपंथ पहुंचे।