पौड़ी गढ़वाल में जान के दुश्मन बनें नरभक्षी को पकड़ों या मौत के घाट उतार दो
सतपाल महाराज के सक्रिय होने पर हुए आदेश
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। जनपद पौड़ी गढ़वाल के पोखड़ा विकासखंड में सक्रिय नरभक्षी गुलदार को जिंदा न पकड़े जाने पर गोली मारने के आदेश जारी हो गये है। उत्तराखण्ड के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक जेएस सुहाग ने घटना के तुरन्त 6 घंटे बाद यह आदेश गढ़वाल वन प्रभाग पौड़ी के डीएफओ को जारी किये है।
अपने आदेश में मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक उत्तराखण्ड जेएस सुहाग ने कहा है कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथा संशोधित 2006 की धारा 11 (1) क के तहत अधिकारों का प्रयोग करते हुए गढ़वाल वन प्रभाग के अंतर्गत उक्त क्षेत्र में मानव जीवन के लिए खतरनाक गुलदार को सर्वप्रथम पिंजड़ा लगाकर/ट्रेकुलाइजर कर पकड़ने एवं संपूर्ण प्रयासों के पश्चात भी पकड़ में न आने की दशा में नष्ट करने हेतु अनुमति प्रभागीय वनाधिकारी, गढ़वाल वन प्रभाग को दी जाती है। इसके साथ ही 4 शर्तें भी जोड़ी गई है।
ज्ञातव्य हो कि जनपद पौड़ी गढ़वाल के विकासखंड पोखड़ा की मजगांव ग्राम पंचायत के डबरा गांव में 10 जून (बृहस्पतिवार) को सुबह करीब साढ़े 10 बजे घर से करीब 50 मीटर दूरी पर स्थित खेत में काम कर रही 55 वर्षीय गोदांबरी देवी पत्नी ललिता प्रसाद पर गुलदार ने अचानक हमला कर मार डाला था। जिस पर मामले की जानकारी मिलते ही क्षेत्रीय विधायक और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने जिलाधिकारी और डीएफओ गढ़वाल से दूरभाष पर वार्ता कर स्थानीय लोगों जानमाल की रक्षा के आदेश करते हुए क्षेत्र में शूटर तैनात करने, पिंजरा लगाने और परिजनों को तत्काल निर्धारित मुआवजा देने के निर्देश दिए थे। जिस पर डीएफओ गढ़वाल प्रभाग ने प्रदेश के मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक को पत्र लिखकर महिला को मार डालने वाले गुलदार से स्थानीय लोगों को भारी खतरा बताते हुए कार्यवाही करने के आदेश मांगें थे। जिस पर मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक ने तत्काल आदेश करते हुए गुलदार को जिंदा या मुर्दा पकड़ने के आदेश जारी कर दिये है।