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जयशंकर ने बताया दुनिया को संतुलित करने में संस्कृति का योगदान, कहा- यही बात भारत को फायदा दिलाएगी

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नई दिल्ली, एजेंसी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान वैश्विक स्तर पर भारत को फायदा पहुंचाने वाले कारणों को गिनाया। जयशंकर ने कहा कि आज के समय में कोई देश विनम्र शक्ति (सफ्ट पावर) बनकर क्या करता है, यह इस पर निर्भर करता है कि वह कितना ताकतवर है। यह प्रक्रिया कभी-कभी धीरे और निरंतर हो सकती है और कभी-कभी आक्रामक। विनम्र शक्ति हमेशा आख्यान गढ़ने, छवि बनाने और स्तर-सम्मान तय करने का काम करती है।
जयशंकर ने आगे कहा, ष्एक विदेश मंत्री के तौर पर मुझे लगता है कि आज दुनिया को संतुलित करना बेहद जरूरी है। हमने इतिहास में देखा है कि कैसे ताकतवर देश, जो कि विनम्र शक्ति नहीं बन पाए, वहां कैसे राजनीतिक बदलाव हो गए। दुनिया को फिर संतुलित करने में संस्ति सबसे अहम है। यही बात भारत के फायदे वाली है।ष्
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नीदरलैंड के प्रधानमंत्री मार्क रूट से फोन पर बात की। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर जानकारी दी, ष्जल पर हमारी सामरिक भागीदारी समेत अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने में प्रसन्नता हुई।ष्
देश में नए सिरे से बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सरकार ने 18-59 साल के लोगों को कोविड टीकों की मुफ्त एहतियाती खुराक (तिमम चतमबंनजपवद कवेमे) देने का फैसला किया है। 15 जुलाई से इसके लिए विशेष अभियान शुरू होगा। 75-दिवसीय इस अभियान के तहत सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर कोविड वैक्सीन की मुफ्त अतिरिक्त खुराक दी जाएगी।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को बताया कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए सरकार ने अमृत महोत्सव के रूप में कोविड की एहतियाती खुराक को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह अभियान चलाने का फैसला किया है। अगले 75 दिनों में हम इस अभियान को पूरा करने की कोशिश करेंगे। इस फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा। इससे हमारा अभियान और मजबूत होगा।
देश में 18-59 साल की उम्र के 77 करोड़ लोगों को एहतियाती खुराक दी जाना है। इसमें से अब तक 1 फीसदी से भी कम को एहतियाती खुराक दी गई है। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि हालांकि, 60 वर्ष और उससे अधिक आयु की अनुमानित 16 करोड़ पात्र आबादी के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं में से लगभग 26 फीसदी को बूस्टर खुराक लग चुकी है।
एक अधिकारी ने बताया कि देश के अधिकांश लोगों को करीब नौ महीने पहले कोविड टीकों की दूसरी खुराक लगी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (प्ब्डत्) और अन्य अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थानों के अध्ययनों में सुझाव दिया गया है कि दोनों खुराक लगने के लगभग छह महीने बाद व्यक्ति के शरीर में एंटीबडी का स्तर कम हो जाता है। ऐसे में बूस्टर या एहतियाती खुराक देने से प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है। इसलिए सरकार ने 75 दिन तक एक विशेष अभियान शुरू करने का फैसला किया है। इसके तहत सरकारी केंद्रों पर 18 से 59 साल के लोगों को निशुल्क एहतियाती खुराक दी जाएगी।
बता दें, पिछले सप्ताह ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड टीकों की दूसरी एहतियाती खुराक के बीच के अंतर को 9 माह से घटाकर 6 माह कर दिया है। यानी दूसरी लगवाने के छह माह बाद बूस्टर खुराक ली जा सकती है। यह फैसला टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी परामर्श समूह की सिफारिश के आधार पर किया गया।
टीकाकरण तेज करने और बूस्टर खुराक को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने 1 जून से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में श्हर घर दस्तक अभियान 2़0श् के दूसरे दौर की शुरुआत की थी। दो महीने का यह अभियान अभी चल रहा है।सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत की 96 फीसदी आबादी को कोविड वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है जबकि 87 फीसदी लोगों ने दोनों खुराक ले ली है।

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