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कोटद्वार डकैती कांड: डीआईजी की रणनीति रही कारगर, हरिद्वार पुलिस रही नाकाम

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हरिद्वार। साल के आखिरी सप्ताह में पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार शहर में घटी उद्योगपति के घर डकैती की वारदात के खुलासे तक कोटद्वार पुलिस पहुंच गई है। डीआइजी गढ़वाल रेंज नीरू गर्ग की रणनीति ही लूट कांड के खुलासे में कारगर रही है। यही नहीं हरिद्वार पुलिस के लिए बेहद ही शर्मनाक बात रही है, क्योंकि कोटद्वार पुलिस के हत्थे चढ़े अपराधियों ने ही हरिद्वार में शराब व्यवसाई के मैनेजर से 22 लाख रुपए की लूट की वारदात को अंजाम दिया था। हालांकि पुलिस अफसर अभी इस खुलासे पर चुप्पी साधे हुए हैं।
डीआईजी की कार्यशैली से गढ़वाल क्षेत्र में पुलिसिंग को लेकर अलग ही माहौल बनता दिखाई दे रहा है। पिछले साल सितंबर माह में कनखल क्षेत्र की शिवपुरी कॉलोनी में शराब व्यवसाई सागर जायसवाल के मैनेजर गयापाल पर गोली चला कर बाइक सवार बदमाश करीब 22 लाख रुपए की रकम लूट कर ले गए थे। हरिद्वार पुलिस अब तक भी इस घटना का खुलासा नहीं कर सकी थी। इधर पिछले माह कोटद्वार के सिताबपुर तल्ला क्षेत्र में उद्योगपति प्रमोद प्रजापति के घर सुबह ही डकैती की वारदात को अंजाम देकर बदमाश फरार होने में कामयाब रहे थे। पांच हथियारबंद बदमाशों ने उद्योगपति की मां पत्नी और बेटी को बंधक बनाकर घटना को अंजाम दिया था। वारदात के घटित होने के बाद से डीआइजी गढ़वाल नीरू गर्ग ने एक विशेष टीम वारदात के खुलासे के लिए गठित की थी। बकायदा डीआईजी ने घटना के खुलासे के लिए अधीनस्थों के साथ रणनीति भी तैयार गई थी। उसी का ही नतीजा है कि कोटद्वार पुलिस जल्द उद्योगपति के घर हुई डकैती का खुलासा कर सकती है। बताया जा रहा है कि कोटद्वार ही नहीं बल्कि हरिद्वार में शराब व्यवसाई के मैनेजर से हुई लूट में भी यही बदमाश शामिल थे। कोटद्वार पुलिस की सफलता में हरिद्वार पुलिस की नाकामयाबी साफ-साफ दिखाई दे रही है। हालांकि हरिद्वार पुलिस ने वारदात के खुलासे को लेकर अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई थी क्योंकि उसकी एक बड़ी वजह घटना के खुलासे को लेकर शराब कारोबारी का पैरवी न करना का भी था। इधर हरिद्वार पुलिस के लिए डीआईजी गढ़वाल रेंज बार-बार संकटमोचक बनकर सामने आ रही है। हाल ही में रेप के बाद कत्ल कर दी गई मासूम के मामले मे पूरे शहर में कानून व्यवस्था लड़खड़ा गई थी। तब भी डीआईजी नीरू गर्ग ने यहां पहुंच कर कानून व्यवस्था की बागडोर संभाली थी ओर शहर शांत हुआ था। यही नहीं वारदात के खुलासे तक भी डीआईजी ने हरिद्वार में ही कैंप कर लिया था। चुनौती बने एक लाख के इनामी राजीव की धरपकड़ भी डीआईजी के सही दिशा निर्देशन में होना संभव हुई थी। डीआईजी रेंज का कार्यभार संभालने के बाद से गढ़वाल परिक्षेत्र मे पुलिसिंग कि एक अलग परिभाषा गढ़ी जा रही है जिसकी सीधे-सीधे वजह डीआईजी रेंज कि अपनी एक अलग कार्यशैली है। कोटद्वार पुलिस के हत्थे हत्थे चढ़े बदमाश वेस्ट यूपी से ताल्लुक रखते हैं, जबकि मुख्य मास्टर माइंड बहादराबाद क्षेत्र में किराए पर रहता था। उसी ने ही दोनों घटनाओं का ताना-बाना बुना था।
बता दें सिताबपुर तल्ला निवासी प्रमोद प्रजापति पुत्र स्व. रामफूल प्रजापति की हरिद्वार में टाइल्स की फैक्ट्री और आटे की मील है। विगत 25 दिसम्बर को सुबह 7 बजे देवी रोड स्थित खुशी होटल के पीछे सिताबपुर निवासी प्रमोद कुमार प्रजापति के घर पांच हथियारबंद बदमाशों ने डकैती कर लाखों की नगदी और घर में रखे गहने लूट दिये थे। बदमाश प्रमोद कुमार की पत्नी व माँ के पहने हुए गहने भी उतारकर ले गये थे। हथियारबंद बदमाशों ने उद्योगपति की माता, पत्नी व पुत्री को बंधक बनाकर लगभग 40 मिनट तक पूरा घर खंगाला था। सूचना पर अपर पुलिस अधीक्षक प्रदीप राय, पुलिस उपाधीक्षक अनिल जोशी, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नरेन्द्र सिंह बिष्ट, एसएसआई प्रदीप नेगी, सीआईयू प्रभारी रफत अली, बाजार पुलिस चौकी प्रभारी संदीप शर्मा पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे थे। पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण कर कुछ सामान को साक्ष्य के तौर पर अपने पास रख लिया था। मामले की जांच के लिए श्रीनगर से एफएसएल (विधि विज्ञान प्रयोगशाला) टीम कोटद्वार पहुंची थी। टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर साक्ष्य जुटाये थे। वहीं पुलिस की विभिन्न टीमों ने जगह-जगह सीसीटीवी फुटेज खंगाली। कोतवाली पुलिस ने पीड़ित प्रमोद कुमार प्रजापति की तहरीर के आधार पर पांच अज्ञात बदमाशों के खिलाफ आईपीसी की धारा 395 और 398 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था।

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