बिग ब्रेकिंग

पूनावाला ने दिया भरोसा- कोविड टीके की आपूर्ति नहीं होगी प्रभावित

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

पुणे, एजेंसी। कोरोना के खिलाफ कोविशील्ड नाम के टीके का उत्पादन कर रही पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट अफ इंडिया (एसआइआइ) ने शुक्रवार को अपने मंजरी प्लांट में आग लगने से हुए नुकसान के बारे में बताया। साथ ही देश को भरोसा दिया कि वह कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई को किसी भी सूरत में कमजोर नहीं पड़ने देगी। सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने शुक्रवार को कहा कि अग्निकांड की घटना से कोविड-19 टीकों की आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी। हालांकि एक अन्घ्य रिपोर्ट के मुताबिक, इस हादसे के चलते भविष्य में बीसीजी और रोटा वैक्सीन के उत्पादन पर थोड़ा असर जरूर पड़ेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि इस अग्निकांड के चलते कोविड वैक्सीन की आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी। कंपनी के मंजरी प्लांट में जिस जगह आग लगी वहां कोई वास्तविक टीका नहीं बनाया जा रहा था।
पूनावाला ने कहा कि हम भाग्यशाली थे कि घटना एक अलग इमारत में हुई। हालांकि इस अग्निकांड के चलते कंपनी को लगभग 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि इस अग्निकांड का कोविशिल्ड वैक्सीन के उत्पादन पर कोई असर नहीं हुआ है़.़ ना ही मौजूदा स्टक को किसी प्रकार का कोई नुकसान हुआ है।
वहीं समाचार एजेंसी की एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक सीरम इंस्टीट्यूट अफ इंडिया (एसआइआइ) ने कहा है कि उसके मंजरी प्लांट में निर्माणाधीन इमारत में आग लगने से भविष्य में बीसीजी और रोटा वैक्सीन के उत्पादन पर असर पड़ेगा। कंपनी ने दोहराया कि कोविड वैक्घ्सीन का उत्पादन प्रभावित नहीं हुआ है।
एसआइआइ के अधिकारियों ने कहा कि इस अग्निकांड से कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है। बीसीजी और रोटा के टीके के उत्पादन पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। गुरुवार को कंपनी के मंजरी प्लांट में लगी आग में पांच मजदूरों की जान चली गई थी। कंपनी ने हर मजदूर के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।
इस बीच, महाराष्ट्र के आबकारी और श्रममंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने एसआइआइ के पुणे प्लांट का दौरा किया और कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक साइरस पूनावाला से मुलाकात की। इससे पहले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि प्रारंभिक जांच के मुताबिक बिल्डिंग निर्माण के दौरान वेल्डिंग के चलते आग लगी।
मामले की जांच के लिए राज्य फोरेंसिक विभाग की एक टीम ने भी शुक्रवार को घटना स्थल का दौरा किया और मौके से नमूने एकत्र किए। इस घटना के कुछ देर बाद इमारत के एक अन्य हिस्से में भी आग लग गई थी। वहां छह मजदूर काम कर रहे थे, लेकिन सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!