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सिद्धारमैया बोले- यह मेरा आखिरी चुनाव, फिर सन्यास ले लूंगा; वरुणा सीट से दाखिल किया नामांकन

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बेंगलुरु , एजेंसी। कर्नाटक की 224 सीटों वाली विधानसभा के लिए अगले माह 10 मई को चुनाव होने हैं। ऐसे में सियासी दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को वरुणा सीट से नामांकन दाखिल किया है। इसके साथ उन्होंने संकेत दिया कि उनके बेटे यतींद्र और पोते धवन राकेश उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी होंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह उनका आखिरी चुनाव है। सिद्धारमैया के छोटे बेटे यतींद्र वरुणा से मौजूदा कांग्रेस विधायक हैं।
आठ बार विधायक रहे सिद्धारमैया इससे पहले वरुणा से दो बार जीते थे और 2008 में यहां से जीतने के बाद विपक्ष के नेता बने थे और फिर 2013 के विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री बने थे। कांग्रेस विधायक दल के नेता ने अपने पैतृक गांव सिद्दरामनहुंडी में मंदिर में सिद्धारामेश्वर देवता की पूजा की और वहां श्री राम मंदिर भी गए और नामांकन दाखिल करने से पहले एक विशाल रोड शो किया। उन्होंने मैसूर में चामुंडी पहाड़ियों पर प्रसिद्ध चामुंडेश्वरी मंदिर का भी दौरा किया और नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले एक जनसभा को संबोधित किया।
सिद्धारमैया ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह धरती पुत्र हैं क्योंकि उनका गांव सिद्दरामनहुंडी वरुणा क्षेत्र में आता है। इस चुनाव को लड़ने के बाद वह चुनावी राजनीति से संन्यास ले लेंगे, लेकिन राजनीति से नहीं। धवन राकेश सिद्धारमैया के दिवंगत बड़े बेटे राकेश सिद्धारमैया के बेटे हैं। सिद्धारमैया ने जैसे ही धवन का नाम लिया, भीड़ ने तालियां बजानी शुरू कर दीं। धवन जब भीड़ की ओर हाथ हिला रहे थे तो सिद्धारमैया ने कहा, उन्हें राजनीति में आने के लिए 25 साल का होना चाहिए, अभी आठ साल बाकी हैं, उनकी शिक्षा अभी भी पूरी नहीं हुई है। पहले पढ़ाई फिर राजनीति।
सत्तारूढ़ भाजपा ने सिद्धारमैया का मुकाबला करने के लिए वरुणा से मंत्री वी सोमन्ना को मैदान में उतारा है। सिद्धरमैया ने आरोप लगाया कि भाजपा और जद (एस) के बीच आंतरिक समझौता हो गया है और भाजपा ने यहां सोमन्ना को मैदान में उतारा है जो बेंगलुरू के निवासी हैं। सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि भाजपा और जद (एस) एक आंतरिक समझौते पर पहुंच गए हैं। यही कारण है कि जद (एस) ने दलित वोटों को बांटने के उद्देश्य से टी. नरसीपुर के पूर्व विधायक भारती शंकर को अपना उम्मीदवार बनाया है, लेकिन मुझे भरोसा है कि वरुणा के लिए इस साजिश को समझेंगे और मुझे बड़े अंतर से जिताएंगे।
कांग्रेस के सत्ता में आने की स्थिति में मुख्यमंत्री पद के आकांक्षी सिद्धरमैया ने कहा, ‘मुझे हराने के मकसद से भाजपा और जद (एस) धन का प्रवाह सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने कहा, अपनी तमाम साजिशों और करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद वरुणा के लोग उनके प्रलोभनों के झांसे में नहीं आएंगे और मुझे आशीर्वाद देंगे।
सिद्धारमैया ने 2018 के चुनाव में पड़ोसी चामुंडेश्वरी और बागलकोट जिले के बादामी से चुनाव लड़ा था। चामुंडेश्वरी में हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन बादामी में जीत हासिल की थी। अब 2023 के चुनाव में वह अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र लौट आए हैं। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 20 अप्रैल है। मतदान 10 मई को होगा और मतगणना 13 मई को होगी।

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