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शहरों से 150 किमी के अंदर बनेगा व्हीकल स्क्रैपिंग सेंटर, स्क्रैपिंग हब बनने की क्षमता रखता है भारत

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नई दिल्ली एजेंसी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि प्रत्येक शहर से 150 किलोमीटर के अंदर कम से कम एक व्हीकल स्क्रैपिंग सुविधा विकसित करने के लक्ष्य के साथ सरकार काम कर रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र का वाहन स्क्रैपिंग हब बनने की क्षमता रखता है।
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति भारतीय परिवहन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है। इसके तहत चरणबद्घ तरीके से पुराने और अनुपयुक्त वाहनों को हटाकर नए और कम प्रदूषण वाले वाहनों की शुरूआत की जानी है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा, श्मेरा लक्ष्य प्रत्येक शहर से 150 किमी के भीतर एक वाहन स्क्रैपिंग सेंटर विकसित करना है।श्
गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वाहन स्क्रैपिंग नीति को इस तरह से डिजाइन किया है कि सभी प्रकार के निवेशकों को स्क्रैपिंग सेंटर स्थापित करने की अनुमति मिलती है। उन्होंने कहा, श्बड़ी संख्या में वाहन स्क्रैपिंग केंद्रों को विकसित कर हम एक शहर में वाहन स्क्रैपिंग इकाइयों के कई अधित संग्रह केंद्र भी विकसित कर सकते हैं।
इन केंद्रों के पास वाहन का पंजीकरण रद करने और जमा प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार भी होगा। गडकरी ने कहा, श्हम बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका से बड़ी संख्या में पुराने वाहनों को अपने देश में स्क्रैप करने के लिए आयात कर सकते हैं। गडकरी ने देश के 112 आकांक्षी जिलों में व्हीकल स्क्रैपिंग सेंटर खोलने का आह्वान किया ताकि इन जिलों में रोजगार के अधिक-अधिक अवसर सृजित हो सकें।
सरकार की इस नई स्क्रैप पलिसी के मुताबिक 15 और 20 साल पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप (कबाड़) कर दिया जाएगा। कमर्शियल गाड़ी जहां 15 साल बाद कबाड़ घोषित हो सकेगी, वहीं निजी गाड़ी के लिए यह समय 20 साल है। अगर सीधे शब्दों में कहें तो आपकी 20 साल पुरानी निजी कार को रद्दी माल की तरह कबाड़ी में बेच दिया जाएगा।

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