हल्द्वानी। हल्द्वानी के एमबीपीजी कॉलेज और इंदिरा प्रियदर्शिनी राजकीय महिला महाविद्यालय को क्लस्टर मोड में संचालित करने की योजना पर ब्रेक लग गया है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत के निर्देश के बाद उच्च शिक्षा निदेशालय ने दोनों कॉलेजों के प्राचार्यों से मांगे गए प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। इस प्रस्ताव में एमबीपीजी कॉलेज में कला और विज्ञान संकाय की कक्षाएं शुरू करने और महिला महाविद्यालय को छात्र-छात्राओं के लिए खोलते हुए वाणिज्य, बीबीए और बीसीए संकाय संचालित करने की योजना थी। निदेशालय की ओर से बीते माह 17 अप्रैल को आदेश जारी कर एक सप्ताह में प्रस्ताव मांगा गया था।इसका संज्ञान लेते हुए उच्च शिक्षा मंत्री ने फिलहाल कॉलेजों को पूर्व की तरह संचालित करने के मौखिक निर्देश दिए हैं। पिछले साल भी इस तरह के प्रस्ताव पर छात्र-छात्राओं के भारी विरोध के चलते योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। महिला महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो.आभा शर्मा ने बताया कि उच्च शिक्षा मंत्री के मौखिक आदेश के बाद प्रस्ताव निदेशालय को नहीं भेजा गया है। महिला कॉलेज में 2297 छात्राएं करती हैं पढ़ाई अभी महिला कॉलेज में स्नातक- स्नातकोत्तर कक्षाओं में 2297 छात्राएं पढ़ाई करती हैं। छात्राओं का कहना है कि वह प्रदेश के एक मात्र महिला कॉलेज को सिर्फ छात्राओं के लिए संचालित करने की मांग कर रही हैं। सरकार उनके कॉलेज में छात्रों को भी प्रवेश देने की तैयारी कर रही है, इसका वह विरोध कर रही है। छात्रा अंजलि उप्रेती ने बताया कि कॉलेज में छात्रों के आने से छात्राओं की पढ़ाई और अनुशासन पर असर पड़ेगा। पूर्व में महिला और एमबीपीजी कॉलेज को मर्ज करने के लिए प्रस्ताव मांगा गया था। फिलहाल उच्च शिक्षा मंत्री के निर्देश पर कॉलेज का संचालन जैसे हो रहा है, वैसे ही किया जाएगा। डॉ.एनएस बनकोटी,प्राचार्य एमबीपीजी कॉलेज हल्द्वानी