बर्फ से ढकी ऊंची पहाड़ियां, कंपकपा रही शीतलहर, ठंड में सुन्न हुए लोगों के हाथ-पैर
चकराता। देहरादून जिले के पछवादून के मैदानी इलाकों में चटख धूप खिलने से ठंड से कुछ राहत मिलती है, लेकिन सांझ ढलते ही कड़ाके की ठंड का कहर जारी है। बर्फबारी देखने आने वाले पर्यटक भी सांझ ढलते ही होटल, रिसार्ट, होम स्टे में चले जाते हैं। सुबह से ही चकराता व आसपास के क्षेत्रों में चटक धूप खिल रही है, जिससे दिन में ठंड से राहत जरूर मिल रही है, लेकिन सांझ ढलते ही ठंड का कहर फिर शुरू हो रहा है। मोटे गर्म कपड़े, जैकेट, मफलर, टोपी से भी ठंड से निजात नहीं मिल रही है। हाथ-पैर ठंड में अभी भी सुन्न हो रहे हैं। जिससे बचने को शाम को अंगीठी व हीटर का सहारा लेना पड़ रहा है। घरों के नलों में जो पानी आ रहा है, वह फ्रिज के पानी से भी ठंडा है। लोग आजकल पानी को गर्म करके पी रहे हैं। बाजार में ठंड से राहत पहुंचाने के लिए अलाव ही एकमात्र सहारा है। वर्तमान में चकराता की ऊंची पहाड़ियों लोखंडी, खंडबा, मोइला टाप आदि पर अभी भी 4 से 5 इंच बर्फ जमी है। चकराता दिखने वाले बर्फ से लकदक हिमालय से जब शाम को बर्फीली हवा आती है तो लोग कांपने लग जाते हैं। लगातार पाला पड़ने के कारण क्षेत्र के मुख्य त्यूणी-चकराता-मसूरी राष्ट्रीय राजमार्ग समेत सभी संपर्क मार्गों पर फिसलन बढ़ने से हादसे का खतरा भी बना हुआ है। बाहरी राज्यों से आने वाले वाहन चालकों को जमे पाले पर वाहन चलाने का अनुभव कम है, इसलिए कई बार वाहन फिसल भी रहे हैं। सड़कों के साथ ही खेतों में भी पाले के कारण फसलों को नुकसान हो रहा है। स्थानीय किसान शमशेर सिंह, रमेश सिंह, सुल्तान सिंह, मेहर सिंह, जयपाल सिंह, मदन सिंह, चंदन सिंह, स्वराज, बृजेश जोशी, गौरव चौहान, आशु चौहान आदि बताते हैं कि आजकल खेतों में पाला जमा हुआ है। जिससे फसलें खराब हो रही हैं। पत्तेदार व हरी सब्जियां के पत्ते पाले के कारण जल रहे हैं। जिसमें राई, धनिया, मूली, पालक, सरसों, ब्रोकली, गोभी आदि की फसलों को नुकसान हो रहा है। लोनिवि ने तो पाला काटने को सड़कों पर चूने का छिड़काव कराया है, लेकिन एनएच अधिकारी अभी लापरवाह बने हुए हैं।
औली में बर्फवारी, जोशीमठ में बारिश
चमोली। जोशीमठ नगर में मंगलवार को दोपहर बाद लगभग 3 बजे से एक बार फिर से बारिश शुरू हो गई है। बारिश ने लोगों में डर एवं चिन्ता बढ़ा दी है। नगर में बारिश तो वहीं औली, बदरीनाथ, हेमकुंड, फूलों की घाटी में बर्फवारी शुरू हो गई है। बारिश ने जोशीमठ में प्रभावित लोगों की मुश्किलें बढा दी हैं। ठंड में विस्थापन केन्द्र के एक कमरे में सपरिवार रहना परेशानी का सबब बनता जा रहा है। मंगलवार को दोपहर दो बजे मनोहरबाग निवासी चंडी बहुगुणा के मकान का पुस्ता ढह गया। जिसके बाद उनका पूरा भवन खतरे की जद में आ गया है। चंडी बहुगुणा का कहा है कि उनके घर के आसपास पिछले कुछ दिनों से लगातार दरारें बढ़ रही थी। अचानक मंगलवार की दोपहर को उनके भवन का पुस्ता ढह गया है। जिसके बाद उनके भवन के 6 सेट खतरे की जद में आ गए हैं। व मकान में दरारें बढ गई हैं। वहीं बदले मौसम के मिजाज के बाद भी जोशीमठ के दोनों होटलों को तोड़ने का काम मंगलवार की देर सांय तक जारी रहा। प्रशासन की टीमें देर सांय तक दोनो होटलों को तोड़ने में जुटी रही।
केदारनाथ, मद्महेश्वर, तुंगनाथ, चन्द्रशिला, कार्तिक स्वामी सहित कई चोटियों पर बर्फबारी
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ सहित जनपद के ऊंचाई वाले स्थानों पर मंगलवार को भी बर्फबारी हुई। सुबह से ही बदले मौसम के बीच दोपहर बाद हल्की बारिश शुरू हुई जबकि केदारनाथ, मद्महेश्वर, तुंगनाथ आदि स्थानों पर बर्फबारी हुई। बदलते मौसम के चलते एक बार फिर से ठंड बढ़ गई है। मंगलवार को जनपद में सुबह से ही आसमान में बादल छाए रहे। लोगों को धूप के दर्शन नहीं हो पाए। दोपहर बाद मौसम और भी खराब हुआ और निचले स्थानों पर हल्की बारिश शुरू हो गई। वहीं केदारनाथ में जमकर बर्फबारी हुई। मद्महेश्वर, तुंगनाथ, चन्द्रशिला, कार्तिक स्वामी सहित कई अन्य स्थानों पर भी जोरदार बर्फबारी हुई। बीते कुछ दिनों की बर्फ अभी उसी स्थिति में है और अब नई बर्फ से एक बार फिर ऊंचाई वाले इन स्थानों में चारों ओर बर्फ की सफेद चादर चमकने लगी है।